प्रियंका की शपथ के साथ याद आई 71 साल पुरानी कहानी

प्रियंका की शपथ के साथ याद आई 71 साल पुरानी कहानी
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नई दिल्ली। प्रियंका गांधी ने आज लोकसभा में संसद सदस्‍य के रूप में शपथ ली। प्रियंका की शपथ के साथ ही गांधी-नेहरू परिवार के 16वें सदस्‍य ने संसद में प्रवेश किया है। इसके साथ ही इस एंट्री के साथ ही गांधी परिवार के कई अनूठे रिकॉर्ड बने हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि मां सोनिया गांधी राज्‍यसभा सदस्‍य हैं और उनके दोनों बच्‍चे राहुल और प्रियंका गांधी एक साथ संसद में हैं। भाई-बहन के लिहाज से देखें तो 71 साल बाद गांधी-नेहरू परिवार का इतिहास संसद में दोहराया जा रहा है। 1953 तक पंडित जवाहर लाल नेहरू और विजयलक्ष्‍मी पंडित की भाई-बहन की जोड़ी संसद में दिखती थी। अब 71 साल बाद उसी गांधी-नेहरू खानदान से राहुल-प्रियंका के रूप में भाई-बहन की जोड़ी संसद में नजर आ रही है।

ये कहना भी महत्‍वपूर्ण है कि 1977 को छोड़कर ऐसा कोई वक्‍त नहीं रहा जब गांधी-नेहरू परिवार का कोई भी सदस्‍य संसद में नहीं रहा हो। कई बार ऐसा भी हुआ कि इस परिवार के पांच-पांच सदस्‍य एक साथ संसद में नजर आए।

सबसे ज्‍यादा सदस्‍य
पहली लोकसभा का गठन 1951-52 में हुआ था। उस वक्‍त लोकसभा के 489 सदस्‍य थे। उनमें से पांच सदस्‍य गांधी-नेहरू परिवार के थे। पंडित जवाहर लाल नेहरू, बहन विजयलक्ष्‍मी पंडित और दामाद फिरोज गांधी के अलावा उमा नेहरू और श्‍योराजवती नेहरू चुनाव जीती थीं। उमा नेहरू के पति श्‍यामलाल नेहरू, पंडित नेहरू के ताऊ के बेटे थे। 1953 में विजयलक्ष्‍मी पंडित संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा की अध्‍यक्ष चुनी गईं लिहाजा उन्‍होंने अपनी लखनऊ सेंट्रल सीट लोकसभा सीट से इस्‍तीफा दे दिया।

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उसके बाद हुए उपचुनाव में नेहरू परिवार की सदस्‍य श्‍योराजवती नेहरू चुनाव जीतीं। वह पंडित नेहरू के ताऊ नंदलाल नेहरू के दूसरे बेटे डॉक्‍टर किशन लाल नेहरू की वाइफ थीं। इस तरह एक ही लोकसभा के कार्यकाल के भीतर संसद पहुंचने वाले नेहरू परिवार के सदस्‍यों की अधिकतम संख्‍या पांच रही।

1977 का साल…
इमरजेंसी के बाद 1977 के छठे आम चुनाव में इंदिरा गांधी को रायबरेली से और बेटे संजय गांधी को अमेठी सीट से हार का सामना करना पड़ा। ये पहला मौका था जब गांधी-नेहरू परिवार का कोई भी सदस्‍य संसद में नहीं पहुंचा। लेकिन उसके एक साल बाद कर्नाटक की चिकमंगलूर सीट से इंदिरा गांधी ने चुनाव जीता। ये इस मामले में परिवार के लिए अनोखी बात थी कि ये पहला मौका था जब नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्‍य यूपी के बाहर किसी अन्‍य राज्‍य से जीतकर संसद पहुंचा था। यहीं से गांधी-नेहरू परिवार के दक्षिण भारत से कनेक्‍शन की शुरुआत हुई। प्रियंका गांधी भी केरल के वायनाड सीट से ही इस बार लोकसभा चुनाव जीती हैं।

1980 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी और संजय गांधी दोनों ही जीतकर संसद पहुंचे। इस तरह पहली बार इस खानदान के मां-बेटे की जोड़ी संसद पहुंची।


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