दुर्ग के सुरक्षा कर्मियों,पुलिस की जरा सी नादानी से मची भगदड़ दर्जनों महिलाएं चोटिल हुई

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पिछले वर्ष भी दक्षिण मुखी काले हनुमान जी के दर्शन को लेकर लाठी भांजी गई थी

रामनगर (जनवार्ता)।दुर्ग स्थित दक्षिण मुखी काले हनुमान जी के मंदिर में बुधवार को निर्धारित समय से पूर्व किले का मुख्य द्वार बन्द कर दिया गया। इस बीच गेट पर दर्शन के लिए भारी भीड़ लगी थी तभी हाथी के लिए जैसे ही गेट खुला उसी के साथ दर्शनार्थी महिलाएं,बच्चे के साथ अंदर घुसने लगी। इससे वहां तैनात सुरक्षा कर्मी और पुलिस वाले महिलाओं को धक्का दे दिया।इसी के बाद वहां भगदड़ मच गई। यही नहीं पुलिस वाले एक चाय की दुकान पर रखी अपनी बेंत को भी मंगा लिया जिसे अन्य पुलिस वालों ने वापस लौटा दिया। लाठी तो नहीं चली लेकिन पुलिस वालों ने महिलाओं, बच्चों को थप्पड़ मारने लगे , केहूनी से मारने लगे जिसके चलते कई महिलाएं चोटिल हो गई। दुर्ग गेट पर जूता ,चप्पल बिखरे पड़े थे। चूंकि थाना प्रभारी निरीक्षक राजू सिंह और कस्बा इंचार्ज राकेश कुमार दुर्ग के अंदर मंदिर पर भीड़ को नियंत्रण करने में लगे थे ।जब उन्हें घटना की सूचना मिली तो वे फौरन दुर्ग के बाहर आकर मामले को संभाला। यहां यह बता दें कि दक्षिण मुखी काले हनुमान जी का दर्शन करने हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। पिछले दो वर्षों से दुर्ग में नियुक्त सेना से रिटायर्ड राजेश शर्मा को किले का सुरक्षा अधिकारी बन दिया गया है।उसी के बाद से उनकी नासमझी के चलते ही दुर्व्यवस्था फैल गई है। इस बीच ए सी पी कोतवाली इशांत सोनी भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने अपने बाइट में कहा कि समय समाप्त होने के बाद गेट बंद था इसी बीच हाथी को दुर्ग के अंदर ले जाने के लिए गेट खोला गया था।इसी को लेकर धक्का मुक्की होने लगी थी लाठी चलाने की बात गलत है। बताते हैं कि पूर्वाह्न नौ बजे से दो बजे तक दर्शन को आये लोगों को दुर्ग के अंदर प्रवेश मिल गया था।इस बीच दुर्ग प्रशासन ने तीन बजे ही अचानक से दुर्ग का मुख्य गेट बंद कर दिया जिसके चलते बाहर दर्शन के लिए खड़े लोग हंगामा करने लगे और गेट के पास पहुंच गए। लगभग डेढ़ घंटे तक दर्शनार्थियों और दुर्ग के कैप्टन राजेश शर्मा से जुबानी जंग होती रही। बताते हैं कि दुर्ग स्थित काले हनुमान जी का दर्शन करने के लिए भीड़ सुबह 6बजे से ही किला गेट पर इकट्ठा हो गई थी।पहले नौ बजे से दर्शन करने की बात कही गई थी लेकिन देर से किला का गेट खोला गया।इस बीच दर्शनार्थियों की लम्बी लाईन लग गई थी। सड़क जाम से बचने के लिए पुलिस ने जल्दी से सभी को अंदर प्रवेश कराने लगी।जिसके चलते किला के अंदर भारी भीड़ जमा हो गई थी। ढाई बजे के बाद पुलिस भी सुस्त पड़ गई और किला के कैप्टन राजेश शर्मा अपने सुरक्षा गार्डों के साथ अपने हिसाब से ब्यवस्था करने में लग गये।बस इसी समय किला के मुख्य द्वार को यह कह कर बन्द कर दिया गया कि अब समय समाप्त हो गया है।जबकि मुख्य गेट के बाहर महिलाओं की भारी भीड़ लगी थी।बाहर से ड्यूटी पर आए पुलिस वालों द्वारा धक्का मुक्की किए जाने से ही भगदड़ मची और महिलाएं गिरते पड़ते भागने लगीं। महिलाओं का आरोप था कि पुलिस वाले उन्हें मां बहन की गाली भी दे रहे थे। इस घटना के बाद लोगों में काफी आक्रोश है।बहुत से लोगों ने प्रसाद चढ़ाने के लिए मिष्ठान और फल फूल खरीद रखा था जिसे वह लौटा भी नहीं सकती थी । मौके पर किसी जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के न रहने से यह घटना हुई। कैप्टन राजेश शर्मा का कहना था कि मेला भी कराने का समय हो रहा था ऐसे में भीड़ को रोकना पड़ा।दूसरी तरफ दर्शन करने वालों का कहना था कि जब चार बजे तक दर्शन कराने की बात हुई थी तब दो बजे के बाद क्यों गेट बन्द किया गया। यहां यह बता दें कि इसी तरह की लापरवाही के चलते इसी काले हनुमान जी के दर्शन को लेकर चार दशक पहले भी एक बड़ा हादसा दुर्ग के भीतर घट चुकी है।

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