इंटरनेशनल रैकिंग को बेहतर करने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में एक नई पहल

इंटरनेशनल रैकिंग को बेहतर करने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में एक नई पहल
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वाराणसी । इंटरनेशनल रैकिंग को बेहतर करने के लिए काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने एक पहल की है। अब अधिक से अधिक विदेशी विद्यार्थियों को आमंत्रित किया जाएगा। खासकर अमेरिका जैसे महत्वपूर्ण देश के छात्र-छात्राओं को। इसके लिए वेद, संस्कृत, संस्कृति, गीत, संगीत, नृत्य व दृश्य कला के विषयों को और रुचिकर बनाया जाएगा। इसके साथ ही अब यहां आने वाले सभी विदेशी छात्रों को फेलोशिप मुहैया कराई जाएगी।

सभी दिव्यांग, बीपीएल कार्डधारक व सभी विभागों के टाप दो-दो छात्रों को भी फेलोशिप दी जानी है। बीएचयू के वित्ताधिकारी डा. अभय ठाकुर बताते हैं कि विवि की ओर से उन छात्रों का भी खास ध्यान रखा जा रहा है जो आर्थिक रूप से कमजोर यानी बीपीएल कार्डधारक हैं। ऐसे सभी छात्र-छात्राओं को 25 हजार रुपये फेलोशिप देने का प्रविधान किया गया है। इससे लगभग 13500 हजार विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। यह सुविधा अगले सत्र से मिलेगी।

डा. ठाकुर ने बताया कि इसके अलावा क्रेडिट फार बीएचयू योजना शुरू की गई है। इसके तहत विद्यार्थी मुफ्त में महंगी से महंगी मशीनों पर शोध कार्य कर सकते हैं। इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से शोध छात्रों को कूपन मुहैया कराया जाएगा। वे यह कूपन दिखाकर उपकरण व मशीनों का उपयोग शोध के लिए कर सकेंगे। बाद में संबंधित विभिन्न रिम्बर्समेंट प्रदान किया जाएगा। इस प्रकार यह खर्च भी विश्वविद्यालय की ओर से उठाया जाएगा। पहले यह खर्च शोधछात्रों को वहन करना पड़ता था।

डा. ठाकुर बताते हैं कि पहली बार सभी विदेशी छात्रों के लिए फेलोशिप की व्यवस्था की गई है। साथ ही उनके रहने के लिए भी हास्टल की सुविधा बढ़ा दी गई है। वहीं इंटरनेशनल स्टूडेंट्स व हास्टल के कोआर्डिनेटर प्रो. एसवीएस राजू बताते हैं कि जल्द ही यहां पर विदेशी छात्रों की संख्या 700 हो जाएगी। बताया कि जो भी विदेशी छात्र सेल्फ फाइनेंस से दाखिला लेंगे उन्हें प्रतिमाह छह हजार रुपये फेलोशिप प्रदान की जाएगी।

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विदेशी छात्रों के प्रवेश को आसान बनाने के प्रयास तेज हो गए हैं। इसके लिए बीएचयू की ओर से एक समिति गठित की गई है। इस समिति में चार सलाहकार है। इसमें यहां के कृषि विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. रमेश चंद, विज्ञान संकाय की प्रमुख प्रो. मधुलिका अग्रवाल, यूनिवर्सिटी आफ टोक्यो के प्रो. केई सीथा रामा, ब्रिटिश काउंसिल नई दिल्ली साउथ एशिया के सीनियर एडवाइजर डा. सुधांशु सिन्हा शामिल हैं।


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