लंच के बाद काम होगा:बैंक कर्मचारी ये कहकर आपको टाल नहीं सकते,करें शिकायत

लंच के बाद काम होगा:बैंक कर्मचारी ये कहकर आपको टाल नहीं सकते,करें शिकायत
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नई दिल्ली। दो रोज पहले की बात है। अपनी दोस्त के साथ चालान बनाने बैंक गई थी। काउंटर पर पहुंची तो वहां कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। इसके बाद मैं दूसरे काउंटर पर गई। वहां मौजूद कर्मचारी ने कहा कि मैडम अभी लंच का वक्त है,बाद में आइएगा। उधर मुझे दफ्तर जाने की देर हो रही थी।

अब करें तो क्या करें….फिर मैंने रिसर्च करना शुरू किया तो पता चला कि कोई बैंक लंच के नाम पर अपने ग्राहकों को इंतजार नहीं करा सकता है। इसके साथ ही कस्टमर्स के अधिकारों को लेकर मुझे और भी जानकारी हाथ लगी।

बैंक कर्मचारी नहीं जा सकते एक साथ लंच पर
RBI ने एक RTI के जवाब में बताया था कि बैंक के अधिकारी एक साथ लंच पर नहीं जा सकते हैं। वे एक-एक करके लंच ब्रेक ले सकते हैं। इस दौरान नॉर्मल ट्रांजेक्शन चलते रहना चाहिए। ग्राहकों को घंटों इंतजार करवाना नियम के खिलाफ है।

कर्मचारी लेटलतीफी करें तो तुरंत होगी शिकायत
अगर बैंक कर्मचारी आपको लंच के नाम पर घंटों इंतजार करवाएं, आपसे अच्छे से बात नहीं करें या काम में लेटलतीफी करें तो आप उनकी शिकायत कर सकते हैं।

ग्राहकों की शिकायत दूर करने के लिए कुछ बैंक, शिकायत लिखने के लिए रजिस्टर रखते हैं। इसमें आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
अगर रजिस्टर से बात न बने, तो आप उस कर्मचारी की शिकायत बैंक मैनेजर या नोडल ऑफिसर से भी कर सकते हैं।
इसके अलावा ग्राहकों की कंप्लेन से निपटने के लिए अमूमन हर बैंक में ग्रीवांस रिड्रेसल फोरम भी होते हैं। ये भी ग्राहक की प्रॉब्लम सॉल्व करते हैं।
ग्रीवेंस रिड्रेसल फोरम में ग्राहक किसी बैंक कर्मचारी की कैसे शिकायत कर सकते हैं

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ग्रीवेंस रिड्रेसल फोरम का मकसद है किसी भी ग्राहक की शिकायत को निपटाना। इसलिए आप बैंक का ग्रीवेंस रिड्रेसल नंबर लेकर शिकायत कर सकते हैं। चाहें तो ईमेल भी कर सकते हैं।

अब सवाल उठता है कि नंबर कहां से मिलेगा?
आप ग्रीवेंस रिड्रेसल का नंबर रिलेटेड बैंक की वेबसाइट से जाकर निकाल सकते हैं। अगर चाहें तो बैंक के कस्टमर केयर को कॉल करके भी नंबर ले सकते हैं।

बैंकिंग लोकपाल में शिकायत करें
RBI ने ग्राहकों की शिकायत दूर करने के लिए बैंकिंग लोकपाल योजना की शुरुआत 2006 में की थी। ग्राहक बैंकिंग लोकपाल में शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए नीचे लगा ग्राफिक्स देखिए…

बैंकिंग लोकपाल में शिकायत तभी कर सकते हैं जब…
जिस बैंक से रिलेटेड समस्या है, उस बैंक ने ग्राहक की शिकायत रिसीव की हो और उनकी तरफ से एक महीने के अंदर ग्राहक को कोई जवाब न दिया गया हो।
बैंक ने ग्राहक की शिकायत ही खारिज कर दी हो।
बैंक ने ग्राहक को जो जवाब दिया हो, उससे ग्राहक संतुष्ट न हो।
ग्राहकों को बैंकिंग लोकपाल में शिकायत दर्ज करवाते समय कुछ शर्तों को मानना होगा

ग्राहक डायरेक्ट बैंकिंग लोकपाल में शिकायत नहीं कर सकते। पहले उन्हें उस बैंक में लिखित शिकायत करनी होगी, जहां से उन्हें कोई परेशानी हुई है।
शिकायत की कार्रवाई शुरू होने के 1 साल के अंदर ही आपको बैंकिंग लोकपाल में शिकायत करनी होगी। ऐसा नहीं होगा कि आप बैंक या उसके कर्मचारी की शिकायत बैंकिंग लोकपाल में 2 साल, 3 साल या 5 साल बाद करें।

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बैंक की तरफ से चेक कलेक्‍शन में देरी होने पर उसे ग्राहक को मुआवजा देना होगा।
बैंक को यह कार्यवाही अपने लेवल पर खुद ही करनी होगी। वह इस मुआवजे के लिए आपके क्‍लेम करने का इंतजार नहीं कर सकता।
इसी तरह आपकी तरफ से दिए गए इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस (ECS) इंस्‍ट्रक्‍शंस में अगर बैंक की तरफ से किसी भी तरह की देरी होती है, तो भी आपको इस पर मुआवजा मिलेगा।
खाते में बैलेंस न होने पर अगर ESC फेल होता है,तो उसके लिए आपको फाइन भरना पड़ेगा।
आप देश के किसी भी बैंक में फटे और पुराने नोट बदल सकते हैं। ऐसा करने से कोई भी बैंक मना नहीं कर सकता है।
आपने लोन के लिए अप्लाय किया है, तो बिना वजह बताए बैंक इसे रिजेक्ट नहीं कर सकता। ऐसा अगर कोई बैंक करता है तो आप उसकी शिकायत कर सकते हैं।

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