नाबालिक से दुष्कर्म में भाजपा विधायक रामदुलार गोंड़ को 25 वर्ष कैद,10 लाख अर्थदंड:
सोनभद्र। नाबालिक से दुष्कर मामला में भाजपा के दुद्धी विधायक रामदुलार गोंड़ को 25 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम (एमपी-एमएलए) की अदालत ने शुक्रवार की दोपहर बाद सजा पर फैसला सुनाया। विधायक पर 10 लाख का अर्थ दंड भी लगाया गया है। अर्थदंड जमा होने के बाद अर्थदंड की पूरी धनराशि पीड़िता को पुनर्वास के लिए प्रदान की जाएगी।
घटना के वक्त प्रधानपति थे रामदुलार:
म्योरपुर थाना क्षेत्र के रासपहरी गांव निवासी रामदुलारे गोंड़ के खिलाफ वर्ष 2014 में म्योरपुर थाने में पाक्सो एक्ट व 376 आईपीसी के तहत केस दर्ज कराया गया था। जिस समय यह केस दर्ज हुआ था, उस समय उनकी पत्नी गांव की प्रधान थी। वर्ष 2022 में भाजपा के टिकट पर दुद्धी विधानसभा से उन्हें उम्मीदवार का मौका मिला और विजय सिंह गोंड़ जैसे दिग्गज को शिकस्त देकर, रामदुलारे विधायक निर्वाचित हो गए।
पिछले एक साल से मामले को लेकर चला खूब दांव-पेंच:
प्रकरण में पिछले एक साल से मामले की आखिरी सुनवाई को लेकर पेंच फंसा हुआ था। विधायक पक्ष की तरफ से कभी बहस न होने तो कभी पीड़िता के बालिग तो कभी अदालत पर अविश्वास जताकर मामले को लटकाया जाता रहा। दो बार निर्णय के लिए तिथि भी तय हुई लेकिन ऐन वक्त पर मामला आगे के लिए टलता रहा। इस बीच सुनवाई कर रहे दो जज भी बदल गए। आखिरकार मंगलवार को मामले में आखिरी सुनवाई पूरी हुई और एडीजे प्रथम की अदालत ने विधायक रामदुलारे गोंड़ को नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिया। दोषी करार दिए जाते ही, उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में लेकर, गुरमा स्थित जिला कारागार भेजा गया। वहीं शुक्रवार को इस मामले में सजा पर फैसला सुनाया गया। दोपहर बाद दोनों पक्षों की तरफ से अपनी अपनी दलीलें पेश की गई। कोर्ट ने इसे जघन्यतम मामला मानते हुए जहां विधायक को 25 साल कैद की सजा सुनाई वहीं 10 लाख अर्थदण्ड अदा करने का भी आदेश पारित किया।
अधिवक्ताओं ने कहा:न्याय की हुई जीत:
पीड़ित पक्ष की तरफ से अधिवक्ता का दायित्व निभा रहे लोक अभियोजक सत्य प्रकाश त्रिपाठी, रामजियावन यादव और विकास शाक्य ने इसे न्याय की जीत बताया। कहा कि लंबे समय से यह लड़ाई लड़ी जा रही थी। फैसला आने में लगभग नौ साल लग गए। अब जाकर पीड़िता को न्याय मिला है। कहा कि फैसले से यह साबित हो गया है कि अभी भी देश में न्याय का राज है।
जा सकती है विधायक की विधानसभा सदस्यताः
विधायक को दोषी करारने के साथ ही, उनके विधानसभा की सदस्यता पर भी तलवार लटक गई है। पीड़ित के अधिवक्ताओं ने कहा कि दो साल से अधिक सजा पर सदस्यता खत्म किए जाने का प्रावधान है। इससे स्पष्ट है कि सजा का निर्धारण होने के कारण, विधायक की विधानसभा सदस्यता खत्म हो सकती है। ऐसा होने पर दुद्धी विधानसभा में उपचुनाव की स्थिति देखने को मिल सकती है।