जलती बसें,सुलगाते भाषण;किस चीज पर ‘झगड़’ रहे महाराष्ट्र-कर्नाटक
नई दिल्ली। महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम ने मंगलवार को कर्नाटक के साथ सीमा विवाद बढ़ने के बाद वहां जाने वाली बस सेवाओं को निलंबित कर दिया। गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ही महाराष्ट्र से कर्नाटक में प्रवेश करने वाले वाहनों पर हमला किया गया था जहां लोगों ने बसों पर जमकर पथराव किया।
महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। उसके अनुसार, “यह फैसला पुलिस से मिली सुरक्षा चेतावनी के बाद लिया गया है जिसमें उन्होंने बताया था कि विरोध के दौरान कर्नाटक में बसों पर हमला हो सकता है। यात्रियों और बसों की सुरक्षा को लेकर पुलिस अधिकारियों से क्लियरेंस मिलने के बाद ही सेवाओं को फिर से शुरू किया जाएगा।। पुलिस की एडवाइजरी के बाद सेवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी।
सीमा विवाद पर बसवराज बोम्मई ने की एकनाथ शिंदे से बात
कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने सीमा विवाद को लेकर मंगलवार को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से फोन पर बात की।
कर्नाटक के सीएम ने ट्वीट किया- “महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुझसे टेलीफोन पर चर्चा की और हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि दोनों राज्यों में शांति और कानून-व्यवस्था बनी रहनी चाहिए। दोनों राज्यों के लोगों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। हालांकि, जहां तक कर्नाटक सीमा का संबंध है, हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है और कानूनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में चलती रहेगी।”
कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद
आपको बता दें कि ये सीमा विवाद 1957 से चला आ रहा है जब राज्यों को भाषा के आधार पर पुनर्गठित किया गया था। उस समय महाराष्ट्र ने बेलागवी पर दावा ठोका जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था। इसने 814 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा बोला था जो फिलहाल कर्नाटक का हिस्सा हैं। महाराष्ट्र इस आधार पर बेलगावी के विलय की मांग कर रहा है कि जिले में मराठी भाषी आबादी काफी है। हालांकि, कर्नाटक इसका विरोध करता रहा है।
फिर दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव 22 नवंबर को और तेज हो गया जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार जाट तालुका के कुछ गांवों द्वारा पारित प्रस्ताव के मद्देनजर महाराष्ट्र के सांगली जिले को कर्नाटक में विलय करने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
बोम्मई के बयान के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने करारा पलटवार करते हुए कहा कि उनके राज्य का कोई भी गांव कर्नाटक को नहीं दिया जाएगा। उनके इस बयान को बोम्मई ने ‘भड़काऊ’ टिप्पणी करार दिया और महाराष्ट्र के कन्नड़ भाषी क्षेत्रों पर दावा ठोक दिया।