Homeपॉलिटिक्सबाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई पर कांग्रेस ने खुलकर किया विरोध

बाहुबली नेता आनंद मोहन की रिहाई पर कांग्रेस ने खुलकर किया विरोध

पटना | बिहार में बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई सुर्खियों में है। उनकी रिहाई के फैसले को लेकर नीतीश सरकार सवालों के घेरे में हैं। एक तरफ भाजपा आनंद मोहन की रिहाई का खुलकर विरोध नहीं कर पा रही है। वहीं, कांग्रेस ने बिहार सरकार के इस फैसले का खुलकर विरोध किया है।

कांग्रेस नेता पी.एल.पुनिया ने कहा कि गोपालगंज के डीएम की हत्या करने वाले आनंद मोहन को सजा से पहले छोड़ने के लिए कानून के नियमों में संशोधन किया गया, जिससे वे जल्दी रिहा हो जाए। इससे देश में गलत संदेश जा रहा है।

साथ ही उन्होंने सेंट्रल IAS एसोसिएशन की मांग को भी सही ठहराया। उन्होंने कहा कि इस फैसले को वापस लेना चाहिए। ये सही मांग है और बिहार सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

बलि के बकरे बन गए थे आनंद मोहन-गिरिराज सिंह
वहीं, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने आनंद मोहन की रिहाई का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन की रिहाई पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है। वे तो बलि के बकरे बन गए थे।

मांझी बोले-आनंद मोहन अच्छे आदमी
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी ने कहा कि आनंद मोहन अच्छे आदमी हैं। हम नहीं कह सकते हैं कि वे बुरे आदमी हैं। बिहार सरकार ने कानून में संशोधन कर आनंद मोहन को छुड़ाने का फैसला सोच-समझकर किया होगा, हम इसपर टिप्पणी नहीं करेंगे।

मांझी ने आगे कहा कि आनंद मोहन के छूटने से गरीबों का सर्वनाश होगा या गरीबों पर अत्याचार होगा, ऐसा हम नहीं मानते हैं। वे क्रिमिनल नहीं हैं।

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ललन सिंह का पलटवार- सुशासन में आम और खास में नहीं किया जाता अंतर
भाजपा के आरोपों पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने कहा कि पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर अब भाजपा खुलकर आई है। पहले वह यूपी की अपनी बी टीम से विरोध करवा रही थी। भाजपा को यह पता होना चाहिए कि नीतीश कुमार के सुशासन में आम व्यक्ति और खास व्यक्ति में कोई अंतर नही किया जाता है।

ललन सिंह ने आगे कहा कि आनंद मोहन ने पूरी सजा काट ली और जो छूट किसी भी सजायाफ्ता को मिलती है, वह छूट उन्हें नहीं मिल पा रही थी, क्योंकि खास लोगों के लिए नियम में प्रावधान किया हुआ था। उन्होंने सवाल किया कि अब भाजपाइयों के पेट में दर्द क्यों होने लगा है? उन्होंने कहा कि भाजपा का सिद्धांत ही है विरोधियों पर पालतू तोतों को लगाना, अपनों को बचाना और विरोधियों को फंसाना है।

निखिल मंडल का शायराना अंदाज-छुपाना भी नहीं आता, बताना भी नहीं आता
इधर, भाजपा के आरोपों पर जेडीयू नेता निखिल मंडल ने भी शायराना अंदाज में निशाना साधा। निखिल मंडल ने टिवटर पर आनंद मोहन के साथ सुशील मोदी की तस्वीर शेयर की। जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा कि ‘छुपाना भी नहीं आता, बताना भी नहीं आता…भाजपाई बड़े कन्फ्यूज्ड हैं..!!’

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