टैलेंट की भीड़ में खत्म हो जाता क्रिकेट करियर, धोनी ने मौका देकर बनाया स्पेशल

टैलेंट की भीड़ में खत्म हो जाता क्रिकेट करियर, धोनी ने मौका देकर बनाया स्पेशल
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नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत आईसीसी वर्ल्ड टी-20 (2007),क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुका है। इसके अलावा भारत 2009 में पहली बार टेस्ट में नंबर एक बना था. महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय टीम की कप्तानी साल 2008 में संभाली थी। जब धोनी ने टीम की कप्तानी संभाली तो उनके पास कई चुनौतियां थी। जैसे की युवाओं को मौका देना और भविष्य के लिए टीम का निर्माण करना। धोनी ने उन सभी चुनौतियों का सामना करते हुए भारतीय टीम को कई ऐतिहासिक पल दिए। धोनी ने अपनी कप्तानी में ऐसे 5 खिलाड़ियों को मौका दिया,जो टीम इंडिया के लिए मैच विनर्स बन गए. आज वर्ल्ड क्रिकेट में इन 5 क्रिकेटर्स का डंका बज रहा है।

1.रोहित शर्मा
धोनी ने रोहित शर्मा को लगातार खराब फॉर्म के बावजूद भी मौका दिया। इससे उनका पूरा करियर बदल गया। रोहित को वनडे में सलामी बल्लेबाज बनाने में धोनी का सबसे बड़ा योगदान रहा है। साल 2013 में जब से धोनी ने उन्हें सलामी बल्लेबाजी करने का मौका दिया,तब से ही रोहित शर्मा का अलग रूप देखने को मिला है। रोहित शर्मा को हिटमैन बनाने में माही का बहुत बड़ा हाथ है। आज रोहित शर्मा तीनों ही फॉर्मेट में भारत के कप्तान हैं।

2.विराट कोहली
विराट कोहली ने धोनी की कप्तानी में अपने करियर की शुरुआत की थी। विराट कोहली को वनडे में नंबर तीन पर लाने का मौका धोनी ने ही दिया था। धोनी ने कोहली के अछे प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें टेस्ट में भी मौका दिया। साल 2011-12 में विराट कोहली ऑस्ट्रेलियाई दौरे में सफल नहीं हो पाए, लेकिन धोनी ने उन्हें लगातार मौका दिया। फिर कोहली ने अर्धशतक भी लगाया। कोहली ने एडिलेट में शतक लगाकर आलोचकों को करारा जवाब दिया था। 2012 में पर्थ में सेलेक्टर्स कोहली की जगह रोहित को मौका देना चाहते थे,लेकिन धोनी ने अपनी अंतिम 11 में विराट कोहली को शामिल किया। ये बात पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने खुद कही थी कि मैं उस समय उप-कप्तान था और हमने धोनी के कहने पर रोहित की जगह कोहली को सेलेक्ट किया था।

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3.रविचंद्रन अश्विन
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन आज दुनिया के शानदार स्पिन गेंदबाजों में शुमार हैं। धोनी ने अश्विन को पहली बार आईपीएल 2010 में खेलने का मौका दिया था। अश्विन का आईपीएल में शानदार प्रदर्शन रहा। अश्विन IPL में CSK की तरफ से धोनी की कप्तानी में खेलते थे. धोनी ने उनकी प्रतिभा को देखा और फिर भारतीय टीम में शामिल किया,जिसके चलते अश्विन को भारतीय टीम में जगह मिल गई थी। अश्विन साल 2010 में टीम में आए और फिर एक साल बाद 2011 के वर्ल्ड कप में भी उन्हें चुना गया. अश्विन को टेस्ट में भी खेलने का मौका मिला।

4.रवींद्र जडेजा
रवींद्र जडेजा आज टीम इंडिया के सबसे बड़े मैच विनर्स में से एक बन गए हैं. गेंदबाजी,बल्लेबाजी और फील्डिंग तीनों ही मामलों में जडेजा का कोई जवाब नहीं। जडेजा को टीम इंडिया में लाने के पीछे धोनी का ही हाथ है। रवींद्र जडेजा धोनी की कप्तानी में CSK की तरफ से खेलते थे और अपना पसंदीदा होने के कारण ही धोनी ने उन्हें टीम में मौका दिया। धोनी उनको टीम से नहीं निकला और बार बार मौका देते रहे। इसी कारण जडेजा शानदार ऑलराउंडर बन गए।

5.सुरेश रैना
महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना की दोस्ती खास रही है। हालांकि रैना इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। धोनी ने अपनी कप्तानी में रैना को टीम इंडिया में खूब मौका दिया था। धोनी ने रैना के बारे में कहा था कि वो एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं,ऐसे में हमें उनका सपोर्ट करना चाहिए। अगर हम उन्हें सपोर्ट नहीं करेंगे तो वह अपना नेचुरल गेम नहीं खेलेंगे और सस्ते में आउट हो जाएंगे। धोनी ने रैना को लगातार खेलने का मौका दिया,जिससे आज रैना टी-20 के खतरनाक बल्लेबाजो में गिने जाते है। इसी कारण रैना को बनाने में धोनी का बड़ा हाथ माना जाता है।

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2.विराट कोहली
विराट कोहली ने धोनी की कप्तानी में अपने करियर की शुरुआत की थी। विराट कोहली को वनडे में नंबर तीन पर लाने का मौका धोनी ने ही दिया था। धोनी ने कोहली के अछे प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें टेस्ट में भी मौका दिया। साल 2011-12 में विराट कोहली ऑस्ट्रेलियाई दौरे में सफल नहीं हो पाए, लेकिन धोनी ने उन्हें लगातार मौका दिया। फिर कोहली ने अर्धशतक भी लगाया। कोहली ने एडिलेट में शतक लगाकर आलोचकों को करारा जवाब दिया था। 2012 में पर्थ में सेलेक्टर्स कोहली की जगह रोहित को मौका देना चाहते थे,लेकिन धोनी ने अपनी अंतिम 11 में विराट कोहली को शामिल किया। ये बात पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने खुद कही थी कि मैं उस समय उप-कप्तान था और हमने धोनी के कहने पर रोहित की जगह कोहली को सेलेक्ट किया था।

3.रविचंद्रन अश्विन
ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन आज दुनिया के शानदार स्पिन गेंदबाजों में शुमार हैं। धोनी ने अश्विन को पहली बार आईपीएल 2010 में खेलने का मौका दिया था। अश्विन का आईपीएल में शानदार प्रदर्शन रहा। अश्विन IPL में CSK की तरफ से धोनी की कप्तानी में खेलते थे. धोनी ने उनकी प्रतिभा को देखा और फिर भारतीय टीम में शामिल किया,जिसके चलते अश्विन को भारतीय टीम में जगह मिल गई थी। अश्विन साल 2010 में टीम में आए और फिर एक साल बाद 2011 के वर्ल्ड कप में भी उन्हें चुना गया. अश्विन को टेस्ट में भी खेलने का मौका मिला।

4.रवींद्र जडेजा
रवींद्र जडेजा आज टीम इंडिया के सबसे बड़े मैच विनर्स में से एक बन गए हैं. गेंदबाजी,बल्लेबाजी और फील्डिंग तीनों ही मामलों में जडेजा का कोई जवाब नहीं। जडेजा को टीम इंडिया में लाने के पीछे धोनी का ही हाथ है। रवींद्र जडेजा धोनी की कप्तानी में CSK की तरफ से खेलते थे और अपना पसंदीदा होने के कारण ही धोनी ने उन्हें टीम में मौका दिया। धोनी उनको टीम से नहीं निकला और बार बार मौका देते रहे। इसी कारण जडेजा शानदार ऑलराउंडर बन गए।

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5.सुरेश रैना
महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना की दोस्ती खास रही है। हालांकि रैना इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। धोनी ने अपनी कप्तानी में रैना को टीम इंडिया में खूब मौका दिया था। धोनी ने रैना के बारे में कहा था कि वो एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं,ऐसे में हमें उनका सपोर्ट करना चाहिए। अगर हम उन्हें सपोर्ट नहीं करेंगे तो वह अपना नेचुरल गेम नहीं खेलेंगे और सस्ते में आउट हो जाएंगे। धोनी ने रैना को लगातार खेलने का मौका दिया,जिससे आज रैना टी-20 के खतरनाक बल्लेबाजो में गिने जाते है। इसी कारण रैना को बनाने में धोनी का बड़ा हाथ माना जाता है।


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