अंतरिम जमानत के बावजूद आरोपी को गिरफ्तार करना थानाध्यक्ष को पड़ गया भारी
हाईकोर्ट ने तत्कालीन थानाध्यक्ष पर अवमानना कार्रवाई की दिया नोटिस
जिला जज ने धोखाधड़ी के मामले में आरोपी को दिया था अंतरिम जमानत, थानाध्यक्ष ने कर लिया गिरफ्तार
जौनपुर। बरसठी के धोखाधड़ी के मामले में जिला जज द्वारा दी गई अंतरिम जमानत की अवधि के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजना थानाध्यक्ष को भारी पड़ गया।आरोपी द्वारा हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई जिस पर हाईकोर्ट ने तत्कालीन थानाध्यक्ष बरसठी गोविंद देव मिश्रा (वर्तमान में सीबीसीआईडी इंस्पेक्टर) को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाए। अगली सुनवाई 6 दिसंबर 2024 को होगी।
बता दें कि 9 मई 2023 को बरसठी थाने में धोखाधड़ी जालसाजी की प्राथमिकी अनिल कुमार मिश्रा व उनके पिता श्याम नारायण मिश्रा निवासी कान्हपुर बरसठी के खिलाफ राकेश मिश्रा द्वारा दर्ज कराई गई। अनिल कुमार मिश्रा के अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र पर जिला जज ने 25 मई 2023 को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। नियमित जमानत की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 9 जून 2023 तिथि नियत किया। इसी बीच 7 जून 2023 को 7 जून 2023 को बिना न्यायालय के अनुमति के अंतरिम जमानत के बावजूद आवेदक अनिल को दुर्भावनापूर्ण तरीके से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी जेल भेजा गया। आरोपी कई महीने तक जेल रहा। हाई कोर्ट से आदेश के बाद वह फरवरी 2024 में जेल से छूटा तत्पश्चात उसने जिला जज, डीजीपी, पुलिस अधीक्षक को थानाध्यक्ष गोविंद देव मिश्र के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया। कोई सुनवाई न होने पर उसने उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दाखिल किया जिस पर हाईकोर्ट ने तत्कालीन थानाध्यक्ष को अवमानना नोटिस जारी किया।