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द्रमुक सहयोगी वीसीके ने की तमिलनाडु को भारत से अलग करने की मांग

नई दिल्ली। द्रमुक के गठबंधन सहयोगी विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके) ने तमिलनाडु को भारत से अलग करने की मांग की है। ट्विटर पर तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख के अन्नामलाई ने उनका एक वीडियो साझा किया। जिसमें वह कह रहे हैं कि विभाजनकारी ताकतों के केंद्र में आने के साथ राज्य एक खतरनाक रास्ते की ओर खिसक रहा है। उन्होंने एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार पर परिणामों को ध्यान में रखे बिना इसे प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया।

वीसीके के उप महासचिव वन्नी अरासु को यह कहते हुए सुना गया,”इस वर्ष के 17 अगस्त से अगले 17 अगस्त तक एक समय की अवधि के लिए हम सनातन धर्म के खिलाफ विभिन्न गांवों में जाकर इस आंदोलन का विस्तार करेंगे। इसके लिए हम थंताई पेरियार और बीआर अंबेडकर को अपने पास लेकर युवाओं से रूबरू होंगे। सनातन धर्म से लड़ने की प्रक्रिया में अपनी जान गंवाने पर भी हमें परवाह नहीं है।”

उन्होंने विस्तार से बताया,”विदुथलाई चिरुथिगल काची सनातन धर्म को हराकर तमिलनाडु को एक समग्र तमिलनाडु बनाने के लिए जमीन पर है। उस नोट पर, सेंगोडी के इस स्मरण दिवस पर- स्वतंत्रता! तमिलनाडु की पूर्ण स्वतंत्रता,तमिल लोगों के अधिकार प्राप्त करने के लिए भारत संघ से तमिलनाडु का राज्य का दर्जा सेंगोडी के प्रति हमारी शपथ और जिम्मेदारी होनी चाहिए।”

वीसीके नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए, तमिलनाडु बीजेपी सचिव एसजी सूर्या ने रिपब्लिक टीवी से कहा, “शुरुआत में,तथ्यात्मक भ्रम को इंगित करने की आवश्यकता है कि अम्बेडकर ने कभी अलगाव के लिए नहीं कहा। वह देश की एकता के लिए एकजुट थे। वे संविधान के जनक थे। वीसीके एक ऐसी पार्टी है जो बार-बार इस तरह के आपत्तिजनक बयान देने के लिए जानी जाती है। यह कोई नई बात नहीं है। लेकिन इसके अपने उप महासचिव का इस तरह के बयानों में शामिल होना बहुत ही चौंकाने वाला और निंदनीय है। हम सीएम से इस पर प्रतिक्रिया देने और इन अलगाववादी टिप्पणियों के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की मांग करते हैं।”

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