पूर्वांचल से बिहार तक: डॉ. राजेश मिश्रा को भाजपा की नई रणनीति में बड़ी ज़िम्मेदारी
📅 वाराणसी |(जनवार्ता) विशेष संवाददाता
🕒 15 मई 2025
भारतीय जनता पार्टी ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पूर्व सांसद डॉ. राजेश मिश्रा को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। पूर्वांचल से लेकर बिहार तक उनके गहरे जनसंपर्क और सामाजिक स्वीकार्यता को देखते हुए पार्टी हाईकमान ने यह अहम कदम उठाया है।
अनुभव और छवि का सम्मान: भाजपा ने मिश्रा को दी अहम भूमिका
डॉ. राजेश मिश्रा, जो कि पूर्व में दो बार MLC और एक बार वाराणसी के सांसद रह चुके हैं, अपनी साफ-सुथरी छवि और समाज के हर वर्ग में प्रभाव के लिए जाने जाते हैं। राजनीतिक अनुभव के साथ-साथ जमीनी पकड़ के कारण भाजपा उन्हें बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष कार्य सौंप चुकी है।
पूर्वांचल-बिहार की सामाजिक संरचना में डॉ. मिश्रा की मजबूत पकड़
पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों—वाराणसी, चंदौली, बलिया, गाजीपुर आदि में बड़ी संख्या में बिहार मूल के लोग निवास करते हैं। ये मतदाता बिहार चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। मिश्रा के व्यक्तिगत रिश्ते न सिर्फ यूपी बल्कि बिहार के लगभग हर जिले में मौजूद हैं। ब्राह्मण समाज के प्रभावशाली चेहरे होने के बावजूद, उनकी लोकप्रियता सभी जातियों में है।
भविष्य की रणनीति में संभावित बड़ी जिम्मेदारी के संकेत
भाजपा सूत्रों के अनुसार, डॉ. मिश्रा को लेकर पार्टी हाईकमान गंभीर है और उन्हें निकट भविष्य में कोई और बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है। मिश्रा की नियुक्ति से यह साफ है कि भाजपा बिहार और पूर्वांचल को जोड़कर एक समन्वित चुनावी रणनीति पर काम कर रही है।
डॉ. मिश्रा की सक्रियता और प्रभाव को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा ने पूर्वांचल से बिहार तक की राजनीतिक ज़मीन को साधने के लिए एक अनुभवी सिपाही मैदान में उतार दिया है।
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