अविमुक्तेश्वरानन्द की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई आज

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वाराणसी । ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंगनुमा आकृति के पूजा-पाठ, राग-भोग व आरती करने की मांग को लेकर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कुमुदलता त्रिपाठी की अदालत में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद व रामसजीवन ने वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार त्रिपाठी के माध्यम से अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। इस मामले में पक्षकार बनने के लिए कई प्रार्थना पत्र दिए गए हैं।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद व रामसजीवन ने वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार त्रिपाठी, रमेश उपाध्याय, चंद्रशेखर सेठ के माध्यम से अदालत में वाद दाखिल किया है, जिसमें शृंगार गौरी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के आदेश पर हुए कोर्ट कमीशन की कार्यवाही में मिले शिवलिंग की आकृति का विधिवत रागभोग, पूजन व आरती जिला प्रशासन की ओर से विधिवत करना चाहिए था, लेकिन अभी तक प्रशासन ने ऐसा नहीं किया है।

न किसी अन्य सनातनी धर्म से जुड़े व्यक्ति को इसके लिए नियुक्त किया। उन्होंने बताया कि कानूनन देवता की परिस्थिति एक जीवित बच्चे के समान होती है। जिसे अन्न-जल आदि नहीं देना संविधान की धारा अनुच्छेद-21 के तहत दैहिक स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन है। 

स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद की ओर से ज्ञानवापी के वुजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा और भोग के साथ आरती किए जाने की मांग को लेकर गुरुवार दोपहर बाद अदालत में सुनवाई टल गई है। सिविल जज सीनियर डिवीजन कुमुद लता त्रिपाठी की अदालत में सुनवाई के दौरान प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति दाखिल करने के लिए समय की मांग की थी। अब मांग के बाद नए सिरे से मस्जिद कमेटी की ओर से अदालत में इस संदर्भ में अपना पक्ष रखा जाएगा।

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