हिमाचल से उत्तराखंड तक ‘मौत’ बनकर टूटा कुदरत का कहर,50 से ज्यादा लोग लापता,200 से ज्यादा यात्री फंसे

हिमाचल से उत्तराखंड तक ‘मौत’ बनकर टूटा कुदरत का कहर,50 से ज्यादा लोग लापता,200 से ज्यादा यात्री फंसे
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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में पानी की लहरें यहां लोगों को डरा रही हैं। ब्यास समेत कई नदिया उफान पर हैं, वहीं दूसरी तस्वीर में एक बिल्डिंग सैलाब में समा गई। हिमाचल में बादल फटने के बाद 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। हिमाचल के कई जिलों में बारिश से तबाही हुई है। कुल्लू, मंडी और शिमला के रामपुर में बादल फटा है। जिसमें 50 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। हिमाचल से आई दो तस्वीरों ने लोगों को दहला दिया है। एक तस्वीर आई पंचवक्त्र मंदिर की है जो पिछले साल की तरह इस साल भी डूब गया।उत्तराखंड में भी बादल फटने और लैंडस्लाइड की तस्वीरें सामने आई हैं। केदरानाथ में बादल फटने से आए सैलाब की वजह से 200 से ज्यादा यात्री फंसे हुए हैं, जिनका रेस्क्यू किया जा रहा है।

शिमला के रामपुर में बादल फटने से 32 लोग लापता हो गए हैं। मंडी में लैंडस्लाइड की चपेट में आने से कई मकान जमींदोज हो गए। एक स्कूल, एक गेस्ट हाउस और एक बिजली प्रोजेक्ट का पावर हाउस भी बह गया है। ज्यादातर नदिया उफान पर हैं। मंडी के प्राचीन पंचवक्त्र मंदिर तक पानी पहुंच गया है।

हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की दो घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गयी तथा करीब 40 लोग लापता हो गए हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि बारिश के कारण कई मकान बह गए और सड़कें तथा दो जल विद्युत परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो गयी हैं। शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि शिमला में रामपुर उपमंडल के समाघ खुद (नाला) में बादल फटने से दो लोगों की मौत हो गयी तथा 28 अन्य लापता हो गए हैं। दो लोगों को घटनास्थल से बचाया गया है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि बादल फटने की घटना देर रात करीब एक बजे हुई। उन्होंने बताया कि सड़कों के बह जाने के कारण बचाव अभियान चुनौतीपूर्ण हो गया है।

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राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि राज्य में भारी बारिश और बादल फटने के कारण व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाकों में सड़क संपर्क बाधित हुआ है। वाहनों के गुजरने के लिए बनाए चार पुल और पैदल पुल बह गए हैं, बचाव अभियान संचालित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सेब की फसल भी बर्बाद हो गयी है। घटनास्थल पर मौजूदा उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, पुलिस और होम गार्ड ने बचाव अभियान शुरू कर दिया है और लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

मंडी जिले के पधर में थालटूखोद इलाके में बादल फटने की एक अन्य घटना में बुधवार रात को एक व्यक्ति की मौत हो गयी तथा नौ अन्य लापता हो गए। कुछ मकान ढह गए हैं और सड़क संपर्क बाधित हो गया है। मंडी जिला प्रशासन ने भारतीय वायु सेना और एनडीआरएफ से मदद मांगी है। ब्यास नदी के उफान पर होने के कारण चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है। कुल्लू के भागीपुल में भी मकानों के क्षतिग्रस्त होने की खबरें आ रही हैं और पार्वती नदी तथा मलाना खुद में बाढ़ के कारण कुल्लू के भुंटार इलाके में भी अलर्ट जारी किया गया है।

मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण टूट या है और ब्यास नदी का पानी मंडी के पंडोह में कुछ घरों में घुस गया है। कुछ लोगों के लापता होने तथा इलाके में मकानों तथा दुकानों के ढह जाने की भी सूचना है। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है और प्राधिकारियों का पूरा ध्यान बचाव एवं राहत अभियानों पर है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बादल फटने के बाद सचिवालय में एक आपात बैठक बुलायी है।

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