सिर्फ 26 दिन का ईंधन बचा,अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी कब तक होगी?

सिर्फ 26 दिन का ईंधन बचा,अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी कब तक होगी?
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नई दिल्ली। बोइंग स्टारलाइनर की पृथ्वी पर वापसी फिर टल गई है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने तीसरी बार स्टारलाइनर की रिटर्न फ्लाइट को टाला है। अगली तारीख नहीं बताई गई है लेकिन एस्ट्रोनॉट्स के पास ज्यादा वक्त बचा नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीमित ईंधन क्षमता के चलते स्टारलाइनर केवल 45 दिन ही इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर रह सकता है।

एस्ट्रोनॉट्स- सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को 13 जून को ही वापस लौट आना था। अब सिर्फ 26 दिन का ईंधन बचा है। NASA को उससे पहले एक सेफ रिटर्न फ्लाइट अरेंज करनी होगी।

स्टारलाइनर में क्या-क्या खराबियां आईं?
बोइंग स्टारलाइनर में सवार होकर एस्ट्रोनॉट्स बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स ने 5 जून 2024 को उड़ान भरी थी। इस स्पेसक्राफ्ट को 13 जून को धरती पर वापस लौटना था लेकिन तकनीकी गड़बड़‍ियां आती चली गईं।

अब तक स्टारलाइनर में पांच बार हीलियम लीक हो चुका है। पांच बार मैनूवरिंग थ्रस्टर फेल हो चुके हैं और एक बार प्रोपेलेंट वाल्व भी फेल हुआ। स्टारलाइनर अब भी ISS के हार्मनी मॉड्यूल पर डॉक्ड है। NASA और बोइंग के इंजीनियर्स स्पेसक्राफ्ट के हार्डवेयर की जांच में लगे हैं।

15 जून को जब इंजीनियर्स ने स्टारलाइनर के थ्रस्टर्स को ऑन किया तो पाया कि तमाम गड़बड़ियां कुछ हद तक ही ठीक हो पाई हैं। इन खामियों की वजह क्या है, यह अभी तक पता नहीं चल सका है।

हीलियम लीक का क्या बवाल है?
स्टारलाइनर के ‘सर्विस मॉड्यूल’ में एक्सपेंडेबल प्रपल्शन सिस्टम शामिल है। अभी जो समस्या है, वह इसी सिस्टम में है। यह सिस्टम कैप्सूल को ISS से दूर धकेलने और पृथ्‍वी के वायुमंडल की ओर गोता लगाने के लिए जरूरी है। स्टारलाइनर के थ्रस्टर्स को ऑन करने पर वे ओवरहीट हो रहे हैं। इन थ्रस्टर्स को प्रेशराइज करने के लिए हीलियम का इस्तेमाल होता है। यही हीलियम बार-बार लीक हो रही है।

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खत्म हो रहा ईंधन,ज्यादा समय नहीं
ISS के हार्मनी मॉड्यूल में सीमित ईंधन है। नासा के कॉमर्शियल क्रू मैनेजर स्टीव स्टिच के मुताबिक, स्टारलाइनर 45 दिन तक डॉक्ड रह सकता है। Reuters ने फ्लाइट प्लानिंग से जुड़े एक सोर्स के हवाले से कहा कि अगर बहुत ज्यादा जरूरत हुई तो स्टारलाइनर को बैकअप सिस्टमों की मदद से अधिकतम 72 दिनों तक डॉक्ड रखा जा सकता है। गोपनीयता की शर्त पर इस सोर्स ने कहा कि NASA ने अगली रिटर्न डेट 6 जुलाई की रखी है। इसका मतलब यह है कि सिर्फ 8 दिनों का मिशन करीब महीने भर तक खिंचेगा!

ISS से धरती पर पहुंचने में कितना वक्त लगेगा?
एक बार NASA ने एस्ट्रोनॉट्स को वापसी का ग्रीन सिग्नल दे दिया, फिर स्टारलाइनर के थ्रस्टर्स को ISS से कैप्सूल को अनडॉक करने के लिए यूज किया जाएगा। उसके बाद ISS से धरती तक का सफर छह घंटे में पूरा होगा। NASA का कहना है कि प्रपल्शन सिस्टम में खामियों के बावजूद, स्टारलाइनर एस्ट्रोनॉट्स को लेकर धरती पर लौटने में सक्षम है। अगर बहुत जरूरत पड़ी तो कैप्सूल को एक एस्केप पॉड की तरह इस्तेमाल किया जाएगा।

अगर स्टारलाइनर को एकदम नाकारा घोषित कर दिया जाता है तो SpaceX के Crew Dragon के जरिए एस्ट्रोनॉट्स को वापस लाया जा सकता है। मार्च में Crew Dragon चार एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन लेकर गया था। इमरजेंसी की स्थिति में Crew Dragon में और एस्ट्रोनॉट्स को भी फिट किया जा सकता है।

पहले कभी हुआ है ऐसा?
करीब दो साल पहले भी NASA को स्पेस स्टेशन से एस्ट्रोनॉट्स को वापस लाने के लिए दूसरे विकल्पों का सहारा लेना पड़ा था। जब रूस के सोयूज कैप्सूल का कूलेंट लीक हुआ था। दो रूसी और एक अमेरिकी एस्ट्रोनॉट फंस गए थे। NASA ने तब भी अपने एस्ट्रोनॉट को वापस लाने के लिए Crew Dragon का इस्तेमाल करने की सोची थी। हालांकि, रूस ने एक खाली सोयूज कैप्सूल को रेस्क्यू यान की तरह भेजकर तीनों अंतरिक्ष यात्रियों को बचा लिया था।

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स्पेस सूट में भी गड़बड़ी,टली स्पेसवॉक
ISS पर मौजूद एस्ट्रोनॉट्स को सिर्फ वापसी की ही टेंशन नहीं, वे रूटीन मेंटेनेंस के काम भी नहीं कर पा रहे। सोमवार को दोनों एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस सूट में खराबी के चलते स्पेसवॉक कैंसिल करनी पड़ी। NASA के मुताबिक, एक एस्ट्रोनॉट के स्पेस सूट की कूलिंग यूनिट में पानी लीक होने लगा था। यह स्पेस सूट NASA एस्ट्रोनॉट ट्रेसी डायसन का था। डायसन को अपने साथी माइक बैराट के साथ मिलकर ISS के बाहर लगे कम्युनिकेशंस एंटीना की मरम्मत करनी थी। हाल के दिनों में यह दूसरी स्पेसवॉक है जो सूट में गड़बड़ी के चलते कैंसिल करनी पड़ी।


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