Updated on 24/June/2022 2:20:18 PM
नई दिल्ली। 2002 के गुजरात दंगों के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा पीएम मोदी को दी गई क्लीन चिट को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा। जस्टिस एएम खविलकर, दिनेश माहेश्वरी और सीटी रविकुमार की एक सुप्रीम कोर्ट की बेंच जकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी,जिसमें पीएम सहित 63 लोगों को राहत देने को चुनौती दी गई थी। जकिया के पति एहसान जाफरी,कांग्रेस के पूर्व सांसद,28 फरवरी,2002 को अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में हिंसा के दौरान थे। उस समय,नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
27 फरवरी, 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 डिब्बे में आग लगने के बाद परिणामस्वरूप 59 लोगों की मौत हो गई, पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे। जकिया जाफरी की याचिका के आधार पर,सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में सीबीआई के पूर्व निदेशक आरके राघवन की अध्यक्षता वाली एसआईटी को गुजरात के तत्कालीन सीएम की कथित भूमिका की जांच करने का निर्देश दिया था। इसके अनुसरण में, एसआईटी ने 2010 में इस मामले के संबंध में मोदी से पूछताछ की। 8 फरवरी, 2012 को, उसने जाफरी की शिकायत में नामित 64 व्यक्तियों को क्लीन चिट देते हुए एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की, जिसमें कहा गया था कि “कोई मुकदमा चलाने योग्य सबूत नहीं” था।