वाराणसी गंगा महोत्‍सव और देवदीपावली के मौके पर राजघाट पर इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारी

वाराणसी गंगा महोत्‍सव और देवदीपावली के मौके पर राजघाट पर इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारी
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वाराणसी| नवंबर का पहला पखवारा गंगा उत्सव के नाम होगा। अबकी गंगा महोत्सव के साथ गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किए जाने का संयोग भी बन रहा है तो इस दिन शुरू हुए उत्सवों का समापन सात नवंबर को देवदीपावली से होगा। देवदीपावली से चार दिन पूर्व गंगा महोत्सव का श्रीगणेश होता है।

प्रशासन की ओर से इसकी तैयारियों की रूपरेखा लगभग तय की जा चुकी है। एक दो दिन में इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। हालांकि अक्टूबर के आखिरी दिनों में पडऩे वाले छठ पर्व को देखते हुए गंगा घाटों की साफ सफाई तेजी से शुरू हो गई है।

कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने सभी विभागीय अफसरों को पहले ही जिम्मेदारी सौंप दी है। नगर निगम को गंगा घाटों व घाट के आसपास की गलियों व नगरीय क्षेत्र की सभी मार्गोँं की साफ सफाई का निर्देश दिया गया है। गंगा घाटों पर बाढ़ की वजह से आई मिट्टी को हटाने का कार्य तेजी से चल रहा है।

दावा किया जा रहा है कि छठ से पहले बहुत हद तक मिट्टी हटा ली जाएगी। लाइटिंग, शहर को सजाने संवारने की व्यवस्था नगर निगम, लोक निर्माण विभाग को सड़कों को ठीक कराने के साथ ही पर्यटन विभाग को दीया बाती की निविदा के साथ ही अन्य कार्यक्रमों की रूप तय करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

उप निदेशक पर्यटन प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि दस लाख दीपक बनाने के लिए निविदा की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। सार्क मल्टीमीडिया को इस बार दीये बनाने का जिम्मा दिया गया है। कमिश्नर की ओर से अभी कार्यक्रम को फाइनल रूप दिया जाना है।

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राजघाट पर इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारी है तो वहीं नमो घाट आकर्षण का केंद्र होगा। वीवीआईपी व पर्यटकों के लिए यहां भी विविध कार्यक्रम होंगे। दीपावली के अवकाश के कारण कुछ चीजें तय नहीं हो पाई है लेकिन गुरुवार से इस कार्य में और तेजी आएगी।


कोविड का दौर छोड़ देवदीपावली के अवसर पर भारतीय नृत्य और संगीत को बढ़ावा देने वाले विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होता रहा है। भारतीय संगीत के दिग्गज कलाकार उस्ताद बिस्मिल्लाह खान, पंडित छन्नूलाल मिश्रा, गिरिजा देवी, बाल मुरली कृष्णन, भीमसेन जोशी, बिरजू महाराज, अमजद अली खान, विलायत खान, जिला खान, सुजात खान और जाकिर हुसैन जैसे दिग्गजों ने यहां अपनी कला गंगा को समर्पित किया है।

देवदीपावली पर प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी परंपरागत सभी कार्यक्रम आयोजित होंगे। किसी भी कार्यक्रम को रद नहीं किया जाएगा। दो-तीन दिन में कार्यक्रम पूरी तरह तय कर दिए जाएंगे।


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