महाकुंभ में शाही स्नान के लिए शाही तैयारी,अखाड़ों के लिए बन रहा राजसी पथ,साधु संतों के लिए खास इंतजाम
प्रयागराज। प्रयागराज में त्रिवेणी के पावन तट पर आस्था का महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो रहा है। एक तरफ जहां महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं और सैलानियों के लिए ठहरने, खाने-पीने, सुरक्षा आदि के इंतजाम किये जा रहे हैं। तो वहीं महाकुंभ के खास मेहमान और वैभव कहे जाने वाले अखाड़ों के शाही स्नान के लिए राजसी पथ तैयार करने के काम शुरु हो चुका है।
शाही स्नान पर जाने के लिए राजशी पथ
अखाड़ा मार्ग से संगम नोज के लिए राजसी पथ को विशेष तौर पर तैयार किया जा रहा है। इसी राजसी पथ के जरिए अखाड़ों के संत, महंत, महामंडलेश्वर, जगद्गुरु और नागा संन्यासियों के साथ आचार्य महामंडलेश्वर संगम नोज पर त्रिवेणी की पुण्य जल धारा में अमृत स्नान के लिए ऊंट, घोड़े, रथ और पालकी में सवार होकर रवाना होंगे।
अखाड़ों के संतो के लिए तैयार किए जा रहे राजसी पथ पर आने और जाने के लिए अलग अलग मार्ग रहेगा। राजसी पथ के अगल-बगल बैरिकेटिंग का घेरा होगा। ताकि बैरिकेटिंग के बाहर से श्रद्धालु अखाड़ों के साधु संतों के दर्शन कर सकें। इसके साथ ही अखाड़ों के शिविर से सटे हुए पांटून पुल भी सुरक्षित यानी रिजर्व रहेंगे।
अधिकारी ने बताया
महाकुंभ के अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि अखाड़ों के स्नान के मार्ग पर जरूरी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। बैरिकेटिंग से लेकर चकर्ड प्लेट बिछाई जा चुकी है। संगम स्नान के लिए जाने वाले पांटून पुल को भी तैयार किया जा चुका है। अखाड़ों के संतो को स्नान में कोई असुविधा न हो इसका ख्याल रखा गया है।
महंत रवींद्र पुरी महाराज ने जताई खुशी
महाकुंभ के अमृत स्नान का मार्ग तय होने पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जल्द ही वह भी अधिकारियों के साथ मार्ग का निरीक्षण करने जाएंगे, जो बचे हुए कार्य होंगे, उसे भी दुरुस्त करा लिया जाएगा।