लंका थाना क्षेत्र के नारिया में माँ बेटी मर्डर की राज उजागर हुआ

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जिले के चर्चित लंका थाना क्षेत्र के नरिया में मां बेटी के डबल मर्डर की गुत्थी सुलझ गई है। इस मामले में पड़ोस में रहने वाले दो सगे भाई समेत तीन लोग गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए। जुलाई के महीने में मां और बेटी की घर के अंदर ही निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कमिश्नरेट पुलिस के लिए यह ब्लाइंड डबल मर्डर की गुत्‍थी को सुलझाना चुनौती थी, लेकिन एक बार फिर पुलिस ने व्यावसायिक दक्षता का परिचय देते हुए इस मामले को दो माह के भीतर सुलझा लिया। पूरे मामले को पुलिस ने तह तक खंगाला तो पता चला कि लूट के इरादे से ही यह हत्या की गई थी। पुलिस ने हत्या में शरीक दो शातिर बदमाश और एक सूत्रधार को गिरफ्तार किया है।

हत्यारे दो सगे भाई अमन और अतुल विश्वकर्मा हैं, दोनों मूल रूप से भदोही जिले के रहने वाले हैं। विजय पाल नामक पड़ोसी ने लूट और हत्या का आइडिया दोनों शातिरों को दिया था। इस दौरान दो- तीन दिन बकायदा रेकी करने के बाद दोनों हत्यारों ने घटना वाली रात घर पीछे वाले रास्ते से घर में प्रवेश किया था। वहीं हथौड़ा और लोहे के रॉड से सिर पर वार कर दोनों हत्याओं को अंजाम दिया था। पुलिस ने बताया कि सिर पर वार कर दोनों महिलाओं को मौत के घाट आरोपित ने उतार दिया था।

मां- बेटी के दोनों मोबाइल फोन सहित ज्वैलरी और कैश भी आरोपितों के पास से बरामद हुआ है। इन बदमाशों के पास से कई अन्‍य साक्ष्‍य भी पुलिस के हाथ लगे हैं। इसमें से एक आरोपी अमन पहले भी नागपुर महाराष्ट्र में हत्या एवं चोरी के मामले में जेल जा चुका है। तीनों बदमाशों को गुरुवार को रिमांड के लिए न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। डीजीपी डीएस चौहान ने इस कामयाबी के लिए पुलिस टीम को बधाई दी है। 

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नरिया प्राथमिक विद्यालय के पास रहने वाली सुनीता पांडेय और उनकी बेटी दीपिका की हत्या के मामले में पुलिस के हाथ हत्यारे लगे हैं। कातिलों तक पहुंचने के लिए हर पहलू की फिर से जांच कई बार बारीकी से गई। मां-बेटी से जुड़े लोगों से पूछताछ हुई है। सीसीटीवी फुटेज से लेकर सर्विलांस तक मदद ली गई।

मामले की जांच कर रहे लंका थाना प्रभारी बृजेश कुमार सिंह के अनुसार घटना से जुड़े हर पहलू की जांच फिर से की गई। कई संदिग्ध लोगों की सूची भी बनाई गई। पुलिस का पूरा ध्यान मकान के विवाद पर रहा। मकान में बेटों का हिस्सा बिकने के बाद कुछ लोग मां-बेटी के हिस्से को भी लेना चाहते थे। इसके लिए दबाव भी बनाया था। हालांकि मां-बेटी इसके लिए तैयार नहीं थीं। पुलिस की जांच के दायरे में आसपास मजदूरी करने वाले भी थे। इस आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता था कि हत्या की घटना लूटपाट के लिए की गई हो। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को फिर से खंगाला। इसके साथ ही सर्विलांस की मदद भी ली गई है ताकि यह पता चल सके कि घटना के वक्त उक्त क्षेत्र में कितने मोबाइल एक्टिव रहे। हत्या के लगभग दस दिन बाद मां-बेटी की लाश मिलने से पुलिस के फुटेज और सर्विलांस की जांच आसान नहीं रही। 13 जुलाई को सुनीता पांडेय और उनकी बेटी दीपिका की लाश उनके घर में मिली थी। उनकी हत्या दस दिन पहले की गई थी। पुलिस को मौके से लोहे की हथौड़ी जिसमें खून और बाल लगा बरामद हुआ तथा राड भी बरामद हुआ है। आशंका जताई जा रही है की दोनों की सिर कूंच कर हत्या की गई है।

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