Friday, March 24, 2023
spot_img
Homeब्रेकिंग न्यूज़भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ सकती है मंदी की छाया, विश्व बैंक ने...

भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ सकती है मंदी की छाया, विश्व बैंक ने घटाया विकास दर का अनुमान

नई दिल्ली । वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी और बढ़ती अनिश्चितता का असर भारत पर भी पड़ सकता है। विश्व बैंक ने अपने नए आर्थिक रिपोर्ट में कहा है कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में धीमी होकर 6.6 प्रतिशत पर आ जाएगी। 2022-23 में इसकी अनुमानित दर 6.9 प्रतिशत थी। वहीं, 2024-25 के लिए विकास दर 6.1 प्रतिशत अनुमानित है।

बता दें कि चालू वित्त वर्ष में भी विकास दरों में कमी आई है। अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर रही, जो पिछले साल 8.7 प्रतिशत थी।

वित्त वर्ष 2023-24 में भी धीमे रफ्तार का अनुमान
विश्व बैंक के रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में विकास दर धीमी होकर 6.6 फीसदी तक रह सकती है। हालांकि, सात सबसे बड़े उभरते बाजार और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (EMDEs) में भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होने की उम्मीद है। बता दें कि वर्तमान में सरकार ने बुनियादी ढांचे पर खर्च और विभिन्न व्यावसायिक सुविधा उपायों में वृद्धि की है। इससे निजी निवेश में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ने की उम्मीद है।

इस वित्तीय वर्ष में दिखी बढ़त
वित्तीय वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में वार्षिक आधार पर सकल घरेलू उत्पाद में 9.7 प्रतिशत का विस्तार हुआ है, जो निजी खपत और निश्चित निवेश वृद्धि को दर्शाता है। पिछले साल उपभोक्ता मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से ऊपर की थी, जिससे मई और दिसंबर के बीच दरों में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2019 के बाद से भारत का माल व्यापार घाटा दोगुना से अधिक हो गया है, और नवंबर में 24 बिलियन अमरीकी डॉलर था।

दूसरी तरफ, विश्व बैंक ने कहा कि भारत ने रुपये के मूल्यह्रास को सीमित करने के लिएऔरअतिरिक्त विनिमय दर की अस्थिरता को रोकने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय भंडार का उपयोग किया है। यह नवंबर में 550 बिलियन अमरीकी डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद का 16 प्रतिशत हिस्सा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img