Kamal Nath के चैलेंज को Shivraj Singh Chouhan के मंत्री ने किया स्वीकार

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नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के बीच ‘धर्म युद्ध’ छिड़ा हुआ है। दोनों दलों के नेता ‘अध्यात्म’ पर अपना अपना राग अलाप रहे हैं। रविवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने बीजेपी और आरएसएस को ‘धर्म’ पर राहुल गांधी के साथ बहस की चुनौती दी थी और कहा था कि इन विषयों पर राहुल को इन लोगों की तुलना में अधिक ज्ञान है। कमलनाथ के इस चैलेंज को अब बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने स्वीकार किया है। शिवराज सिंह के ‘सिपाही’ विश्वास सारंग ने कहा कि कमलनाथ द्वारा राहुल से हिंदू धर्म पर बहस कि चुनौती को मैं स्वीकार करता हूं।

मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने भोपाल में मीडिया से बात करते हुए कहा,’जिस यात्रा में क्रूर हिंदू की बात की जाती है,वह हिंदू धर्म पर बहस की चुनौती देते हैं। हिंदू धर्म को बदनाम करना कांग्रेस की आदत है। मैं राहुल गांधी को चुनौती देता हूं कि वो आकर हिंदू धर्म को लेकर मुझसे बहस करें। मैं धर्म का बहुत बड़ा ज्ञानी नही हूं, लेकिन कमलनाथ की इस चुनौती को स्वीकार करता हूं।’

इससे पहले रविवार को कमलनाथ ने बीजेपी, आरएसएस और विहिप नेताओं को खुली चुनौती दी थी। कमलनाथ ने कहा, ‘मैं भाजपा, आरएसएस और विहिप नेताओं को चुनौती देता हूं कि वे मीडियाकर्मियों के सामने धर्म और अध्यात्म के मुद्दे पर राहुल गांधी के साथ बैठ जाएं और बहस कर लें।’

उन्होंने आगे कहा कि ‘चर्चा से साबित होगा कि राहुल को बीजेपी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के लोगों की तुलना में धर्म और अध्यात्म का अधिक ज्ञान है। कमलनाथ ने यह भी कहा कि राहुल की ‘भारत जोड़ो’ यात्रा का मुख्य उद्देश्य देश में संविधान और संस्कृति को बचाना है।

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उल्लेखनीय है कि कमलनाथ का यह बयान ऐसे समय में सामने आया था,जब राहुल गांधी के ‘जय सियाराम’ वाले बयान पर पहले ही सियासत गरमाई हुई थी। हाल ही में राहुल गांधी ने ‘जय श्रीराम’ बोलने की खिलाफत करते हुए बीजेपी को घेरा था। राहुल ने कहा था,”भारतीय जनता पार्टी सीता माता को नहीं मानती है,क्योंकि वह ‘जय श्री राम’ का नारा देती है। भाजपा को अपना नारा बदलना चाहिए और ‘जय सिया राम’ या ‘जय सीता राम’ कहना चाहिए।”


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