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मानवता को कंपाने वाली हमास की दरिंदगी,आखिर 8 साल की बच्ची की हत्या पर क्यों खुश हो गया आयरिश पिता?

इजरायल। हमास आतंकियों ने जिस कायरता से इजरायल पर हमला किया वो तो महज एक शुरुआत थी। नीचता की सारी हदें पार करते हुए हमास अतंकियों ने इजरायल की महिलाओं और छोटे बच्चों को भी दहशत वाली मौत दी। दरिदंगी की सारी हदें तो हमास आतंकियों ने तब पार की जब छोटी बच्चे और बच्चियों का भी बेरहमी से कत्ल कर दिया। ऐसे में 30 सालों से रह रहे आयरिश पिता ने अपनी 8 साल की बेटी की मौत को दुआ बताया।

बेटी की मौत पर क्यों खुश हुआ पिता?
‘हमास की दरिंदगी से मौत बेहतर’

दो दिनों बाद पिता को मिली बेटी की मौत की खबर
दरअसल हमास के आतंकियों ने इजरायल पर जब हमला किया तो एक 8 साल की बच्ची की भी मौत हो गई। बच्ची के पिता को दो दिनों के लंबे इंतजार के बाद पता चला कि उसकी बच्ची अब इस दुनिया में नहीं रही। हमास आतंकियों ने उसकी जान ले ली।

मौत से पहली रात दोस्त के घर सोने गई थी बच्ची
दरअसल, बच्ची अपनी एक दोस्त के पास रात को सोने के लिए गई थी। लेकिन किसे पता था कि वो आखिरी बार होगा जब एक पिता अपनी बच्ची को मुस्कुराता हुआ देख पाएगा। थॉमस की जिंदगी की अगली सुबह कयामत तक ना भूल पाने वाला दर्द बन गया।

अमेरिकन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार थॉमस ने बताया कि वो 30 साल से अपनी पत्नी और बच्ची के साथ इजरायल में रह रहा था। दो-तीन साल पहले उसकी पत्नी की कैंसर की वजह से मौत हो गई। तब से अबतक थॉमस अपनी बच्ची के साथ वहां रह रहा था। हमास आतंकियों ने अचानक से हमला किया। इस हमले में उस इलाके में करीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। करीब 12 घंटों तक वहां के लोग बंदूकों की तरतर्राहट सुनते रहे।

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‘बेटी की मौत की खबर सुनते ही मैं मुस्कुराया…’
थॉमस ने कहा कि उसकी बेटी की मौत की खबर दो दिनों बाद उन्हें मिली। 8 साल की बेटी की मौत की खबर से मुझे दो दिनों बाद मिली और जैसे ही मुझे पता चला कि मेरी बेटी अब नहीं रही मैं मुस्कुराया और कहा ‘यस-यस’। हमास की कैद में जाने से बेहतर है कि मेरी बेटी की मौत हो जाए। थॉमस जब ये बात कर रहे थे उस वक्त उनकी आंखों से आंसू निकल रहे थे। वो कांप रहे थे। एक पिता के ऊपर क्या गुजरी होगी, जब उसने अपनी मासूम महज 8 साल की बेटी को खो दिया, जिसके सहारे वो अपनी पूरी जिंदगी काटने वाला था। कौन सा ऐसा पिता होगा, जो अपने बेटी की मौत की खबर पर खुश हो जाएं। थॉमस की बातें सुनकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमास आतंकवादी किस तरह की बर्बरता महिलाओं और बच्चों के साथ कर रहे हैं।

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