5 घंटे से बीच रास्ते अटकी है केबल कार;10 का रेस्क्यू;एक टूरिस्ट अभी भी ट्रॉली में

5 घंटे से बीच रास्ते अटकी है केबल कार;10 का रेस्क्यू;एक टूरिस्ट अभी भी ट्रॉली में
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में सोलन जिले के परवाणू स्थित टिंबर ट्रेल रोपवे (केबल कार) में सोमवार को 11 लोग फंस गए। इनमें से 10 लोगों को रस्सी के सहारे सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है, जबकि एक अन्य अभी भी हवा में अटकी ट्रॉ़ली में फंसा हैं। सोलन जिला प्रशासन और टिंबर ट्रेल का टेक्निकल स्टाफ लोगों को निकाल रहा है। वहीं NDRF की टीम भी पहुंच गई है।

प्रशासन फंसे हुए लोगों का मनोबल बढ़ा रहा है। रेस्क्यू करने के बाद निकाले गए लोगों के स्वास्थ्य जांच की जा रही है। वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी लोगों को जल्द सुरक्षित निकालने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री खुद मौके पर जा रहे हैं। वहीं रोप-वे के पास बड़ी संख्या में लोग जुटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि जहां ट्रॉली फंसी हुई है वहां से जमीन 120 मीटर से ज्यादा दूर है है। ट्रॉली से निकाले गए लोग बेहद घबराए हुए हैं। सुबह 11 बजे के फंसे हुए हैं और उन्हें फंसे पांच घंटे हो गए हैं।

राज्य के प्रवेश द्वार परवाणू के पास टिंबर ट्रेल से करीब 800 मीटर दूर पहाड़ी पर होटल है। होटल के लिए लोग रोपवे के जरिए पहुंचते हैं। सोमवार को करीब 11 बजे ट्रॉली में तकनीकी खराबी आ गई। इसके बाद से ट्रॉली हवा में लटक गई। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार 10 लोगों को रस्सी के जरिए उतार कर रेस्क्यू किया गया है। कुछ लोग रस्सी के जरिए उतरने में घबरा रहे थे। इस वजह से इन्हें रेस्क्यू करना चुनौतीपूर्ण हो गया।
जिला प्रशासन ने सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए सेना से मदद मांगी। वहीं तकनीकी खराबी के कारण हवा में अटकी ट्रॉली को दुरुस्त करने के लिए तकनीकी टीम भी पहुंची।

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दिल्ली के बताए जा रहे हैं लोग
ट्रॉली में फंसे लोग दिल्ली के बताए जा रहे है। इनमें कई बुजुर्ग भी हैं, जो रस्सी के जरिए उतरने में घबराहट महसूस कर रहे हैं। ट्रॉली में फंसे लोग खुद वीडियो बनाकर मदद की अपील कर रहे हैं। DC सोलन कृतिका कुल्हरी के मुताबिक NDRF की टीम को रेस्क्यू के लिए बुलाया गया है। टीम रेस्क्यू में जुट गई है।

रोपवे की ट्रॉली में फंसे लोग वीडियो बनाकर कह रहे हैं कि वह एक घंटे से टिंबर ट्रेल ट्रॉली में फंसे हुए हैं। अब तक उन्हें रेस्क्यू करने की कोई व्यवस्था नहीं हुई है। ट्रॉली में फंसे लोगों में कई बुजुर्ग हैं। लोग कह रहे हैं कि हवा में लटके होने से उन्हें घबराहट हो रही है। एक पर्यटक कह रहा है कि वह बीपी शुगर के मरीज हैं। वह रस्सी से जंगल में उतरने की स्थिति में नहीं है। वहीं एक महिला घुटनों में दर्द होने और एक अन्य महिला हार्ट पेशेंट होने की वजह से रस्सी से उतरने को इनकार कर रही है।

ट्रॉली में फंसे सभी लोग टिंबर ट्रेल रिजॉर्ट से लौट रहे थे। इस दौरान बीच तकनीकी खराबी के कारण बीच हवा में ट्रॉली अटक गई। ट्रॉली को हवा में लटके करीब चार घंटे हो गए हैं, लेकिन अभी तक रेस्क्यू नहीं हो पाया है। राज्य आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव सुदेश कुमार मोक्टा ने बताया कि ट्रॉली में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए एयरफोर्स और NDRF को बुलाया गया है। जल्द सभी को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

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30 साल पहले भी हुआ हादसा
इससे पहले भी 13 अक्टूबर 1992 को कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर स्थित टिंबर ट्रेल में 11 सैलानी फंसे थे। इनमें एक बच्चा भी शामिल था। उस दौरान एक ट्राली अटेंडेंट गुलाम हुसैन ने जान बचाने के लिए छलांग लगा दी थी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।


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