महिलाओं के लिए घर ही बने घातक,पति-रिश्‍तेदार कर रहे कत्‍ल, रोंगटे खड़े कर…

महिलाओं के लिए घर ही बने घातक,पति-रिश्‍तेदार कर रहे कत्‍ल, रोंगटे खड़े कर…
ख़बर को शेयर करे

नई दिल्ली। पिछले साल हर दिन औसतन 140 महिलाओं और लड़कियों की उनके साथी या रिश्तेदारों ने जान ले ली। यानी कि महिलाओं के लिए अब उनके घर ही उनके लिए घातक जगह बन गए हैं। संयुक्त राष्ट्र की 2 एजेंसियों ने सोमवार को बताया कि पिछले वर्ष प्रतिदिन औसतन 140 महिलाओं तथा लड़कियों की हत्या उनके घरों में ही उनके पार्टनर या परिवार के सदस्यों द्वारा की गई।

संयुक्त राष्ट्र महिला (यूएन वूमन) और संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (यूएन ऑफिस ऑफ ड्रग्स एंड क्राइम) ने कहा कि वैश्विक स्तर पर साल 2023 में लगभग 51,100 महिलाओं और लड़कियों की हत्‍या उनके पार्टनर या परिवार के सदस्यों ने ही की। इससे पहले साल 2022 में यह आंकड़ा अनुमानित तौर पर 48,800 था। यानी कि समय गुजरने के साथ महिलाओं-लड़कियों के साथ अपराध के मामले उनके घर में ही बढ़ रहे हैं।

लिंग आधारित हिंसा
दोनों एजेंसियों ने इस बात पर जोर दिया कि ‘‘हर जगह महिलाएं और लड़कियां लिंग आधारित हिंसा के इस चरम रूप से प्रभावित हो रही हैं और कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं है। घर महिलाओं और लड़कियों के लिए सबसे खतरनाक जगह बन गए हैं।’’

सबसे ज्‍यादा हत्‍याएं अफ्रीका में
रिपोर्ट के अनुसार, अंतरंग साथी और परिवार के सदस्यों द्वारा की गई हत्याओं के सबसे अधिक मामले अफ्रीका में थे। जहां 2023 में अनुमानित 21,700 महिलाओं की जान गई। अपनी आबादी के सापेक्ष पीड़ितों की संख्या में भी अफीक्रा सबसे आगे रहा, यहां प्रति एक लाख लोगों पर 2.9 पीड़ित थीं।

इसे भी पढ़े   इंजीनियर बेटे ने मां का काटा गला,पुलिस से बोला-इसी डायन की वजह से पत्नी से हुआ तलाक

अमेरिका भी महिलाओं की हत्‍या के मामले में आगे
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल अमेरिका में भी यह दर काफी अधिक थी, जहां प्रति एक लाख में 1.6 महिला पीड़ित (परिजनों द्वारा मारी गई) थी। जबकि ओशिनिया में यह दर प्रति एक लाख में 1.5 थी। एशिया में यह दर काफी कम थी, जहां प्रति एक लाख पर 0.8 पीड़ित थीं, जबकि यूरोप में यह दर प्रति एक लाख व्यक्ति में 0.6 रही।

हत्‍याओं को अंजाम
रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप और अमेरिका में महिलाओं की जानबूझकर हत्या मुख्यतः उनके अंतरंग साथियों द्वारा की जाती है। इसके विपरीत, पुरुषों की हत्या की अधिकांश घटनाएं घर-परिवार से बाहर होती हैं। रिपोर्ट में कहा गया है,‘‘हालांकि हत्या के शिकार अधिकतर पुरुष और लड़के होते हैं, लेकिन फिर भी निजी क्षेत्र में घातक हिंसा से महिलाएं तथा लड़कियां प्रभावित होती हैं। ’’


ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *