कार्तिक पूर्णिमा पर बन रहे ये 3 दुर्लभ योग,इस शुभ मुहूर्त में स्नान-पूजा से…
नई दिल्ली। सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का बेहद महत्व माना गया है। यह वो दिन होता है, जब चंद्रमा पूरी तरह प्रकाशमान होकर रात में उजियारा फैलाते हैं। यही वजह है कि इसे प्रकाश पर्व भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और महादेव की पूजा का विधान है। कहते हैं कि इस दिन गंगास्नान करने और पूजा-दान करने से कई गुणा पुण्य फल मिलता है। साथ ही पापों का नाश हो जाता है और मृत्यु उपरांत मोक्ष हासिल होता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर बन रहे खास संयोग
सनातन धर्म के विद्वानों के मुताबिक इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर कई सारे शुभ योग बन रहे हैं। मंगल और चंद्रमा दोनों एक दूसरे की राशि में रहने वाले हैं। इस वजह से कार्तिक पूर्णिमा पर देर रात गजकेसरी राजयोग बन रहा है। इसी दिन न्याय के देवता शनि 30 साल बाद कुंभ राशि में गोचर करने जा रहे हैं। कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन बुधादित्य राजयोग और उसके बाद शश राजयोग बनेगा। ऐसा करीब 30 वर्ष बाद होने जा रहा है। इन सब संयोगों की वजह से इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर आप जो भी नेकी का कार्य करेंगे, उसका आपको कई गुणा ज्यादा फल मिलेगा।
कार्तिक पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस बार कार्तिक पूर्णिमा का आरंभ 15 नवंबर को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से 16 नवंबर को सुबह 02 बजकर 58 मिनट तक होगा। अगर इस दिन के स्नान-दान के शुभ मुहूर्त की बात करें तो इसके लिए आपको एक घंट का वक्त मिलेगा। यह शुभ मुहूर्त 15 नवंबर को सुबह 4।58 मिनट से सुबह 5।51 मिनट तक रहेगा। वहीं भगवान सत्यनारायण की पूजा का समय सुबह 6।44 बजे से सुबह 10।45 बजे तक रहेगा।
कार्तिक पूर्णिमा पर क्या करें?
कार्तिक पूर्णिमा यानी 15 नवंबर को आप अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करें। आप चाहें तो जरूरतमंदों को कपड़े, तिल, भोजन या पैसों का दान कर सकते हैं। आप गुड़ का भी दान कर सकते हैं। ऐसा करने से घर की दरिद्रता दूर होती है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा घाट पर जाकर दीप दान करना बहुत शुभ माना जाता है। अगर आप गंगा जी न जा सकें तो किसी नदी या तालाब के किनारे जाकर भी दीप दान कर सकते हैं। शाम के वक्त अपने घर के मुख्य द्वार पर घी का जरूर जलाना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और आने वाले बाधाओं से मुक्ति मिलती है।