बिकने वाला है यह सरकारी बैंक,LIC की है बड़ी हिस्सेदारी,कौन है खरीदने की होड़ में
नई दिल्ली। सरकारी सेक्टर के आईडीबीआई बैंक के निजीकरण का रास्ता साफ हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन संभावित खरीदारों को आरबीआई से फिट एंड प्रॉपर सर्टिफिकेट्स मिल चुका है। इनमें भारतीय मूल के कनाडाई बैंकर प्रेम वत्स की कंपनी फेयरफैक्स फाइनेंशियल, Emirates NBD और कोटक महिंद्रा बैंक शामिल हैं। इस रेस में फेयरफैक्स फाइनेंशियल को सबसे आगे माना जा रहा है। अब सबकी नजरें सरकार पर टिकी हैं। IDBI बैंक कई साल से सरकार की प्राइवेटाइजेशन लिस्ट में है। सरकार के पास आईडीबीआई बैंक में 45.5% हिस्सेदारी है। साथ ही एलआईसी 49% से अधिक हिस्सेदारी के साथ बैंक में सबसे बड़ी शेयरधारक है।
आईडीबीआई पहले फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन था जो बाद में बैंक बन गया। योजना के मुताबिक सरकार बैंक में 60.7% हिस्सेदारी बेच सकती है। इसमें सरकार का 30.5% और LIC का 30.2% हिस्सा शामिल है। आईडीबीआई का मार्केट कैप अभी करीब 1,08,814.31 करोड़ रुपये है। जानकारों का कहना है कि आईडीबीआई बैंक के निजीकरण में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह एक प्राइवेट एंटिटी है। इसमें सरकार की हिस्सेदारी बढ़ने की वजह यह है कि कर्ज के कारण हुए भारी घाटे से उबारने के लिए सरकार को इसमें पूंजी डालनी पड़ी है।
डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडेय ने हाल में एक इंटरव्यू में कहा था कि आईडीबीआई बैंक में स्ट्रैटजिक सेल इस साल पूरी होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक शॉर्ट लिस्ट किए गए बिडर्स की फिट एंड प्रॉपर के पैमानों पर जांच-परख कर रहा है। इसके बाद बिडर्स को वर्चुअल डेटा रूम में IDBI बैंक की एक्सक्लूसिव जानकारियां दी जाएगी ताकि ये ड्यू डिलिजेंस कर सकें। यह स्ट्रैटेजिक सेल इस वित्त वर्ष में पूरी हो जाने की उम्मीद है।