Friday, March 24, 2023
spot_img
Homeपॉलिटिक्सविद्वान के तौर पर किया पंडित शब्द का उपयोग,मोहन भागवत के जातिवाद...

विद्वान के तौर पर किया पंडित शब्द का उपयोग,मोहन भागवत के जातिवाद वाले बयान पर बोले आरएसएस

नई दिल्ली | आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा जातिवाद को लेकर दिए गए बयान पर अब RSS ने बयान जारी किया है। देश में एक ही जाति की भागवत की बात पर आरएसएस नेता सुनील आंबेकर ने कहा कि वे विद्वान के लिए पंडित शब्द का उपयोग कर रहे थे। बता दें कि आरएसएस प्रमुख ने बीते दिन कहा था कि भारत में पंडितों ने ही जाति का विभाजन किया है, नहीं तो सब एक ही जाति के थे।

पंडितों ने किया जातियों में अंतर
मोहन भागवत ने बीते दिन मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा था कि जाति, वर्ण और संप्रदाय केवल पंडितों द्वारा बनाया गया था। उन्होंने कहा कि अगर जातियों में विभाजन नहीं होता तो हमारे समाज के बंटवारे का फायदा कोई दूसरा नहीं उठा पाता, जिसके चलते देश पर आक्रमण हुए।

हिंदू समाज को नष्ट होने का भय?
भागवत ने कार्यक्रम में हिंदुओं से सवाल किया कि क्या हिंदू समाज को नष्ट होने का भय दिख रहा है? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता। आपको स्वयं समझना होगा। संघ प्रमुख ने कहा कि हमारी समाज के प्रति भी कुछ जिम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए है, तो कोई ऊंचा या नीचा कैसे हो सकता है? भगवान ने हमेशा कहा है कि हमारे लिए सब एक हैं। उनमें कोई जाति-वर्ण नहीं है। लेकिन श्रेणियां पंडितों ने बनाईं, जो गलत था। देश में विवेक, चेतना, सभी एक है। उसमें कोई अंतर नहीं है।

संत रविदास ने समाज के विकास के लिए मार्ग दिखाया
बस मत अलग-अलग हैं। धर्म को हमने बदलने की कोशिश नहीं की। भागवत ने कहा कि संत रविदास एवं बाबासाहब आंबेडकर ने समाज में सामंजस्य स्थापित करने का काम किया। संत रविदास ने देश और समाज के विकास के लिए मार्ग दिखाया। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संत रविदास का कद तुलसीदास, कबीर और सूरदास से भी बड़ा है। इसलिए उन्हें संत शिरोमणि माना जाता है। यद्यपि वे शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों को नहीं हरा सके, लेकिन वे कई दिलों को छूने और उन्हें ईश्वर में विश्वास दिलाने में सक्षम थे।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img