Homeब्रेकिंग न्यूज़जो काशी में होता है वही कांची में है-निर्मंला सीतारमन 

जो काशी में होता है वही कांची में है-निर्मंला सीतारमन 

वाराणसी | केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने काशी में कहा कि जो उत्तर प्रदेश के काशी में होता है, वही तमिलनाडु के कांची में भी होता है। इसे देखकर महसूस किया जा सकता है कि काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराना संबंध है। काशी तमिल संगमम का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे ‘ओरे भारतम उन्नत भारतम‘ को साकार करना है।

केंद्रीय वित्तमंत्री ने रविवार को काशी तमिल संगमम के तहत मंदिर, वास्तुकला और ज्ञान के अन्य विरासत विषयक एकेडमिक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हम सब भारत के लोग हैं। भाषा अलग-अलग बोलते हैं। घरों में अपनाई जाने वाली संस्कृति भिन्न है, लेकिन हम सब एक हैं। देश की एकता के लिए हम सबको एक साथ आना पड़ेगा। तभी देश प्रगति करेगा। हर व्यक्ति का विकास होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री ने वणक्कम काशी से जब अपने भाषण की शुरूआत की तो पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। तमिल में ही भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि काशी और तमिलनाडु के बीच संबंध बहुत पुराना है। इस आयोजन के माध्यम से उन संबंधों को फिर से तरोताजा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने एकता का जो संदेश दिया है, उसमें उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृति एक है का बोध हो रहा है। मैंने, तमिलनाडु में बचपन से ही जो कुछ अनुभव किया व जाना है, वह हमें काशी में भी देखने को मिलता है। हमारा कर्तव्य है कि इन सभी प्रमाणों को सबके सामने रखें।

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केंद्रीय वित्तमंत्री को भेंट की यथार्थ गीता की प्रति

बीएचयू के एंफीथिएटर मैदान पर आयोजित काशी तमिल संगमम के दौरान भाजपा काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव ने केंद्रीय वित्तमंत्री और अतिथियों को तमिल भाषा में अनुवादित स्वामी अड़गड़ानंद महाराज की यथार्थ गीता की प्रतियां भेंट की हैं।

डीएनए का महत्व बताया

कुलपति प्रो. सुधीर जैन ने मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंट किया। कार्यक्रम में प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने शैक्षणिक सत्र में डीएनए की उपयोगिता को हेल्थकेयर और फॉरेंसिक से जोड़ते हुए बताया कि डीएनए ही वो विधा थी, जिसके द्वारा जॉर्जिया की महारानी के हड्डियों की पहचान हो पाई। अजनाला के शहीदों की उत्पत्ति के बारे में पता चला। तमिलनाडु के पेंसिल स्केच कलाकार जे प्रभाकर ने मंच पर लाइव स्केच का प्रदर्शित किया। उन्होंने तमिलनाडु के एक मंदिर की सजीव तस्वीर पेंसिल स्केच के जरिये कैनवास पर उकेरी।

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