बिहार में ये कैसी ‘शराबबंदी’:राजधानी पटना के बीचों-बीच चल रही ‘शराब की फैक्ट्री’
बिहार। जहरीली शराब से बहुत बड़ी संख्या में लोगों की मौत से बिहार गम में डूबा है। सरकार अपनी ‘इज्जत’ बचाने में लगी हैं, मगर उसकी नाकामी ऐसी है कि शराबबंदी होने के बावजूद शराब सिर्फ आसानी से मिल ही नहीं,बल्कि खुलेआम बन भी रही है। बिहार में जहरीली शराब के कारोबार का खेल शहर-शहर फैला हुआ है। सरकार की नाक के नीचे शराब की फैक्ट्रियां चल रही हैं। रिपब्लिक भारत की खास रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। पटना के बाहरी क्षेत्र में खुलेआम कथित तौर पर शराब की फैक्ट्रियां चल रही हैं। इसकी तस्वीरों को रिपब्लिक भारत ने अपनी कैमरे में कैद किया है।
रिपब्लिक भारत ने शराब की जिस फैक्ट्री का पता लगाया है,वो राजधानी पटना के बीचोंबीच चल रही थी। पटना के दीघा पुल इलाके से रिपब्लिक भारत ने इसकी तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद किया। यहां दो लोग जहरीली शराब का काम करते हुए देखे गए। राजधानी पटना ही नहीं, बिहार के कई और इलाकों में ऐसे ही शराब की अवैध फैक्टियां चल रही हैं। लोगों की मौतों के बाद लोकल पुलिस छापेमारी का दावा कर रही है। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि बैन के बावजूद अब भी शराब का कारोबार जारी है।
सवालों के घेरे में ‘शराबबंदी’
बता दें कि बिहार में शराबबंदी कानून 2016 में लाया गया था, जिसके तहत शराब खरीदना और शराब का कारोबार करना अपराध है। हालिया घटनाओं के बाद दावा किया जाता है कि शराबबंदी के बावजूद बिहार में आज भी शराब बनती और बेची जाती है। आरोप है कि बैन को धत्ता बताते हुए हर जिले में शराब की होम डिलीवरी होती है। अब जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद एक बार फिर शराब बैन करने की नीतीश सरकार की इच्छाशक्ति पर सवालिया निशान खड़े हुए हैं।
गिरिराज सिंह ने सरकार पर लगाए आरोप
छपरा समेत राज्य के कई जिलों में हुई मौतों पर पहले ही बिहार की सियासत गरमाई हुई है। शराब की फैक्ट्रियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और भी नीतीश सरकार पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार शायद अहंकार में आ गए हैं या वो फ्रस्ट्रेशन में हैं। गिरिराज सिंह ने कहा,
आज शराब हर जगह बन रहा है और बिक रहा है। नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है, जो उन्हें ये सब दिखाई नहीं देता है। शराब भगवान की तरह है। जैसे भगवान नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन सब जगह रहते हैं।
बता दें कि छपरा और आसपास के इलाकों में अब तक जहरीली शराब से 75 से ज्यादा मौतों हो चुकी हैं। हालांकि सरकार आधिकारिक तौर पर 38 लोगों की बात कह रही है। फिलहाल बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों का मामला नीतीश सरकार के गले की फांस बन गया है।