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मां कुष्मांडा देवी की बरही पर होगा स्वर्ण श्रृंगार।
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#durga_temple #durga_kund #कुष्मांडा #varanasi_temples #दुर्गा -
पीएम मोदी के बारे में शंकराचार्य ने क्या कहा ?देखिए?
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श्रृंगेरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कहां है कि वह उनके सच्चे शुभचिंतक हैं। देखिए पूरा वीडियो। -
हाथरस रतीभान पर में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 27 लोगो के मरने की पुष्टि एसएसपी हाथरस ने।
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रिकॉर्ड गर्मी से वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर शवों की संख्या अचानक बढ़ गई, देखें वीडियो...
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भाजपा में शामिल होने की अफवाह का कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष #अजय_राय ने वक्तव्य देकर किया खंडन।
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#मुख्तार_अंसारी के जनाजे में उमड़ा #जनसैलाब video credit social media #mukhtaransari
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रंगभरी एकादशी पर निकली मां गौरा की पालकी। #janwarta #varanasinews #breakingnews #kashivishwanath
*रंगभरी एकादशी पर निकली मां गौरा की पालकी*
*अयोध्या व मथुरा के गुलाल के रंग में रंगी मां गौरा, काशी की फिजा में घुला होली का रंग*
*बाबा को ग़ुलाल अर्पित कर भक्तों ने महादेव से होली खेलने की मांगी अनुमति*
*मां गौरा ने पहनी थी कांजीवरम साड़ी और परंपरागत राजसी परिधान खादी पहने थे बाबा विश्वनाथ*
*शिव व गौरा के शीश पर बंगीय देवकिरीट से सजी थी पालकी*
*भोलेनाथ के भक्तों के कंधे पर रजत पालकी में बाबा के साथ माता पार्वती काशी विश्वनाथ धाम स्थित ससुराल पहुंचीं*
*हर हर महादेव के उद्घोष और डमरू की गर्जना से गुंजायमान हुईं काशी की गलियां*
*वाराणसी, 20 मार्चः* रंगभरी एकादशी पर बुधवार को कांजीवरम साड़ी पहनी मां गौरा, बाबा विश्वनाथ के परंपरागत राजसी परिधान खादी, शिव व गौरा के शीश पर बंगीय देवकिरीट और अयोध्या व मथुरा के गुलाल के रंग में रंगी मां गौरा के गौने की पालकी निकली। काशी की गलियां हर हर महादेव के उद्घोष और डमरुओं की गर्जना से गुंजायमान हो उठीं। भोलेनाथ के भक्तों के कंधे पर रजत पालकी में बाबा के साथ माता पार्वती काशी विश्वनाथ धाम अपने ससुराल पहुंचीं। बाबा को ग़ुलाल अर्पित करके भक्तों ने महादेव से होली खेलने की अनुमति मांगी। इसके बाद काशी की गलियों में ग़ुलाल उड़ता दिखा और पूरी काशी की फिजा में होली का रंग घुल गया। श्री काशी विश्वनाथ धाम में मां पार्वती के स्वागत के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ।
*बाबा को अर्पित किया गया गुलाल व अबीर*
रंगभरी एकादशी से ही काशी होलियाना मूड में आ जाती है। बाबा विश्वनाथ व माता पार्वती के गौना से ही बनारस होली के रंग में डूब जाती है। अयोध्या से आया गुलाल व मथुरा के जेल में कैदियों द्वारा तैयार की गई खास हर्बल अबीर भी बाबा को अर्पित की जाती है। रजत पालकी पर बाबा और मां पार्वती के साथ पुत्र गणेश भी विराजमान थे। भक्त इस अद्भुत क्षण के दर्शन कर निहाल दिखे। काशी अपनी परंपराओं की जड़ों को हमेशा सींचती रहती है। सदियों पुरानी संस्कृति का जीवंत रूप काशी में रंगभरी एकादशी पर तब देखने को मिलता है, जब पूर्व महंत आवास (गौरा सदनिका) से श्रद्धालु पालकी में अपने कंधे पर लेकर माँ पार्वती का गौना लेकर कैलाश यानी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचते हैं। इस लौकिक परंपरा के लोकाचार्य की शुरुआत कई दिनों से पूर्व महंत के आवास टेढ़ी नीम पर निभाई जाती है। जहां से काशीवासी बाबा के संग मां पार्वती की विदाई कराते हैं।
*शहनाई बजी, सांस्कृतिक संध्या का किया गया आयोजन*
रंगभरी एकादशी पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा महादेव एवं मां गौरा की शोभायात्रा मंदिर परिसर में धूमधाम से निकाली गई। मां के ससुराल आगमन की ख़ुशी में श्री काशी विश्वनाथ धाम में भी शहनाई बजी। पद्म श्री सुश्री सोमा घोष सहित अन्य ख्यातिलब्ध प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक संध्या में शिवार्चनम प्रस्तुतियां की गई। बाबा के शयन आरती तक भजन, गीत, संगीत की सरिता में भक्त सराबोर दिखे। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि संपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग धाम के यूट्यूब चैनल तथा फेसबुक लाइव से की गई। इसके साथ ही मंदिर प्रशासन की ओर से सोशल मीडिया पर भी बाबा व मां गौरा से जुड़े कार्यक्रमों का लाइव प्रसारण किया। -
वाराणसी में रंगभरी एकादशी तैयारी,गौरा को लगी हल्दी,मंगल गीत गाए #kashivishwanath #rangbhari_ekadashi
#kashivishwanath #janwarta #varanasinews
शिव-पार्वती विवाह के उपरांत रंगभरी (अमला) एकादशी पर बाबा के गौना की रस्म उत्सव का क्रम सोमवार से टेढ़ीनीम स्थित विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर आरंभ हो गया। महंत आवास पर गौरा के रजत विग्रह को संध्याबेला हल्दी लगाई गई।
महंत आवास पर गौरा के विग्रह को तेल हल्दी की रस्म के लिए सुहागिनों और गवनहिरयों की टोली महंत आवास पहुंची। इस उत्सव में मोहल्ले की बुजुर्ग महिलाएं भी शरीक हुईं। सोमवार की शाम हुए इस उत्सव में ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच मंगल गीत गाते हुए महिलाओं ने गौरा को हल्दी लगाई। मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान हो उठा। लोक संगीत के बीच बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना पर आधारित पारंपरिक गीतों का क्रम देर तक चला। ‘गौरा के हरदी लगावा, गोरी के सुंदर बनावा...’,‘सुकुमारी गौरा कइसे कैलास चढ़िहें...’,‘गौरा गोदी में लेके गणेश विदा होइहैं ससुरारी...’आदि गीतों में गौने के दौरान दिखने वाली दृश्यावली का बखान किया गया। मंगल गीतों में यह चर्चा भी की गई कि गौना के लिए कहां क्या तैयारी हो रही है। दुल्हे के स्वागत के लिए कैसे-कैसे पकवान पकाए जा रहे हैं। सखियां पार्वती का साज शृंगार करने के लिए कौन-कौन से सुंदर फूल चुन कर ला रही हैं। हल्दी की रस्म के बाद नजर उतारने के लिए ‘साठी क चाऊर चूमीय चूमीय..’ गीत गाकर महिलाओं ने गौरा की रजत मूर्ति को चावल से चूमा। गौरा के तेल-हल्दी की रस्म के लिए महंत डा. कुलपति तिवारी के पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी के सानिध्य में संजीव रत्न मिश्र ने माता गौरा का श्रृंगार किया। हल्दी रस्म से पूर्व पूजन आचार्य सुशील त्रिपाठी ने कराया। सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘शिवांजलि’ के अंतर्गत श्रद्धालु महिलाओं द्वारा शिव भजनों की प्रस्तुति की गई। -
महंत आवास पर हुई गौरा की हल्दी, गाए गए मंगल गीत । #rangbhariekadashi #varanasinews #kashivishwanath
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शिव-पार्वती विवाह के उपरांत रंगभरी (अमला) एकादशी पर बाबा के गौना की रस्म उत्सव का क्रम सोमवार से टेढ़ीनीम स्थित विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर आरंभ हो गया। महंत आवास पर गौरा के रजत विग्रह को संध्याबेला हल्दी लगाई गई।
महंत आवास पर गौरा के विग्रह को तेल हल्दी की रस्म के लिए सुहागिनों और गवनहिरयों की टोली महंत आवास पहुंची। इस उत्सव में मोहल्ले की बुजुर्ग महिलाएं भी शरीक हुईं। सोमवार की शाम हुए इस उत्सव में ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच मंगल गीत गाते हुए महिलाओं ने गौरा को हल्दी लगाई। मांगलिक गीतों से महंत आवास गुंजायमान हो उठा। लोक संगीत के बीच बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना पर आधारित पारंपरिक गीतों का क्रम देर तक चला। ‘गौरा के हरदी लगावा, गोरी के सुंदर बनावा...’,‘सुकुमारी गौरा कइसे कैलास चढ़िहें...’,‘गौरा गोदी में लेके गणेश विदा होइहैं ससुरारी...’आदि गीतों में गौने के दौरान दिखने वाली दृश्यावली का बखान किया गया। मंगल गीतों में यह चर्चा भी की गई कि गौना के लिए कहां क्या तैयारी हो रही है। दुल्हे के स्वागत के लिए कैसे-कैसे पकवान पकाए जा रहे हैं। सखियां पार्वती का साज शृंगार करने के लिए कौन-कौन से सुंदर फूल चुन कर ला रही हैं। हल्दी की रस्म के बाद नजर उतारने के लिए ‘साठी क चाऊर चूमीय चूमीय..’ गीत गाकर महिलाओं ने गौरा की रजत मूर्ति को चावल से चूमा। गौरा के तेल-हल्दी की रस्म के लिए महंत डा. कुलपति तिवारी के पुत्र पं. वाचस्पति तिवारी के सानिध्य में संजीव रत्न मिश्र ने माता गौरा का श्रृंगार किया। हल्दी रस्म से पूर्व पूजन आचार्य सुशील त्रिपाठी ने कराया। सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘शिवांजलि’ के अंतर्गत श्रद्धालु महिलाओं द्वारा शिव भजनों की प्रस्तुति की गई। -
वाराणसी पाइपलाइन में रिसाव की वजह से सिगरा चौराहे पर धंसी मुख्य सड़क 3 दिन बाद भी बन नहीं सकी।
वाराणसी पाइपलाइन में रिसाव की वजह से सिगरा चौराहे पर धंसी मुख्य सड़क 3 दिन बाद भी बन नहीं सकी। इसकी वजह से यातायात व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित है। साथ ही स्थानीय लोगों को पेयजल के लिए संकट उत्पन्न हो गया है। अधिकारी पहले ही दिन सड़क मरम्मत व पेयजल पाइपलाइन को दुरुस्त करने की बात कह रहे थे। लेकिन तीन दिन बीतने के बावजूद कार्य संपन्न ना हो पाने की वजह से अब बोलने से बच रहे है। गांधीनगर,कस्तूरबा नगर, सोनिया, अशोक नगर, सिंधु नगर,सिगरा, नगर निगम क्षेत्र के लोगों को पेयजल के लिए संकट का सामना करना पड़ता है।
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#वाराणसी #नगरनिगम क्षेत्र में #स्मार्ट_सिटी को आइना दिखाता खुले में कूड़ा ले जाता वाहन #nagarnigam
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अयोध्या श्री राम मंदिर श्री राम लला प्रथम दर्शन मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा
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