एंबेसी ने हाथ खींचा,अपने देश से नाराज हुए पाकिस्तानी? सूडान छोड़ने को नहीं हैं तैयार

एंबेसी ने हाथ खींचा,अपने देश से नाराज हुए पाकिस्तानी? सूडान छोड़ने को नहीं हैं तैयार
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नई दिल्ली। सूडान में चल रही भीषण हिंसा के बीच कई पाकिस्तानियों ने सूडान छोड़ने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि मर जाएंगे,लेकिन अपने बीवी-बच्चों को छोड़कर नहीं जाएंगे।

भारत सहित कई अन्य देश सूडान से अपने लोगों को निकालने के लिए अभियान चला रहे हैं। पाकिस्तान ने भी अपने लोगों को सूडान से निकालने के लिए 1500 से ज्यादा पाकिस्तानियों को मैसेज भेजा था कि सभी लोग एंबेसी पहुंचे ताकि उन्हें उनके देश वापस ले जाया जा सके। हालांकि,इस दौरान कई पाकिस्तानी ऐसे भी थे,जो पाकिस्तान वापस नहीं जाना चाहते थे।

अपने ही देश जाने से क्यों किया इनकार?
पाकिस्तान जाने से इनकार करने वाले लोगों ने कहा है कि वो भी चाहते थे कि इस भीषण युद्ध से निजात मिले और वो अपने देश पाकिस्तान वापस जा सकें। वो सूडान से वापस नहीं जाना चाहते, क्योंकि पाकिस्तानी एंबेसी उनके पूरे परिवार को ले जाने में अड़ंगा लगा रही है। पाकिस्तानी एंबेसी का कहना है कि वो लोग अपने बीवी-बच्चों को पाकिस्तान नहीं ले जा सकते,क्योंकि वो पाकिस्तान के रहने वाले नहीं हैं। एंबेसी ने कहा है कि केवल वही लोग पाकिस्तान वापस जा सकते हैं, जो पाकिस्तान के रहने वाले हैं।

जान लें कि भारत ने यूक्रेन युद्ध के दौरान भी भारतीय लोगों के साथ-साथ दूसरे देशों के नागरिकों को भी यूक्रेन से निकाला था, लेकिन पाकिस्तान सरकार अपने देशवासियों के बीवी-बच्चों तक को उस भीषण युद्ध के बवंडर में अकेला छोड़ देना चाहती है। सूडान से वापस नहीं आने वाले पाकिस्तानियों का कहना है कि वो बिजनेस में नुकसान बर्दाश्त कर सकते हैं, लेकिन अपने बीवी-बच्चों को युद्ध की आग में झोंककर खुद अकेले पाकिस्तान नहीं आ सकते।

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15 अप्रैल को छिड़ा था सूडान में युद्ध
सूडान की सेना और अर्धसैनिक बल के बीच 15 अप्रैल को संघर्ष छिड़ गया था,जिससे देश में गृहयुद्ध शुरू हो गया। जनरल अब्दुल-फतह बुरहान के नेतृत्व में सूडान की सेना और जनरल मोहम्मद हमदान डागलो के नेतृत्व में रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच सत्ता संघर्ष ने सूडान के लोकतांत्रिक देश बनने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

वहीं,जेद्दा में पहुंच रहे भारतीयों को स्वदेश लाने का काम भी जारी है। जेद्दा से अब तक 2300 लोगों को भारत लाया जा चुका है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर बताया- ‘एक C-130J भारतीय वायु सेना का विमान 40 यात्रियों के साथ नई दिल्ली में उतरा है। अब तक लगभग 2300 लोग भारत पहुंच चुके हैं।’


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