गुलाम नबी के कांग्रेस से बाहर होने के बाद 36 और नेताओं ने दिया इस्तीफा
नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर इकाई में कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ती जा रही है। गुलाम नबी आजाद के बाद पार्टी में इस्तीफे का दौर जारी है। 64 नेताओं के इस्तीफा देने के बाद अब कुल 36 नेताओं ने इस्तीफे की पेशकश की है। बुधवार को, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के 36 नेताओं और कई कार्यकर्ताओं ने पार्टी की मूल सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसमें एनएसयूआई अध्यक्ष पीयूष शर्मा,प्रदेश उपाध्यक्ष अनिरुद्ध रैना और प्रदेश महासचिव माणिक शर्मा शामिल थे।
एनएसयूआई पीयूष शर्मा ने “पार्टी के कामकाज” का हवाला देते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को संयुक्त त्याग पत्र सौंपा और उनके साथ अन्य कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने की जानकारी दी।
- अनिरुद्ध रैना (राज्य उपाध्यक्ष)
- माणिक शर्मा (राज्य महासचिव)
- गौरव सूडान (कार्यकारी अध्यक्ष)
- शुभम वर्मा (उपाध्यक्ष)
- दीप शर्मा (उपाध्यक्ष)
- प्रिया एंडोत्रा (उपाध्यक्ष)
- शालू शर्मा (उपाध्यक्ष)
- अमित वर्मा (सचिव)
- बलबीर सिंह (महासचिव)
- रोहित सिंह (सचिव)
- रोहित वर्मा (सचिव)
- मानसी (महासचिव)
- पिंकी (सचिव)
- लक्ष्मी (सचिव)
- शालू शर्मा (सचिव)
- ज्योति एंडोत्रा (सचिव)
- आशा ठाकुर (सचिव)
- जाह्नवी राजपूत (सचिव)
- समृति (सचिव)
- रेखा (सचिव)
- अर्सलान वानी (कार्यकारी अध्यक्ष)
- गोपाल गुप्ता (द्वितीय प्रभारी)
- अंशुल बिलोवरिया (उपाध्यक्ष)
- आयशा मीर (उपाध्यक्ष)
- धामिश अत्री (महासचिव)
- कामरान अली (महासचिव)
- नुमान बिन तालिब (सचिव)
- अनिकेत (सचिव)
- शिखा कश्यप (संयुक्त सचिव)
- सूर्य देव सिंह (संयुक्त सचिव)
- सोहेल अब्बास (मीडिया समन्वयक)
- मेहुल उपाध्याय (जिला मीडिया समन्वयक)
- एस रेणु राजपूत (उपाध्यक्ष)
- कणव शर्मा (अध्यक्ष एनएसयूआई क्लस्टर)
कांग्रेस के 64 नेताओं ने दिया इस्तीफा
गुलाम नबी आजाद के समर्थन में जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद समेत कांग्रेस के 64 वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी में “नेतृत्व संकट” का हवाला देते हुए कांग्रेस की अंतरिम प्रमुख सोनिया गांधी को एक संयुक्त इस्तीफा पत्र सौंपा। चंद और पूर्व मंत्री अब्दुल मजीद वानी, मनोहर लाल शर्मा, घरू राम और पूर्व विधायक बलवान सिंह सहित अन्य वरिष्ठों ने जम्मू में एक संवाददाता सम्मेलन में अपनी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित अपने इस्तीफे की घोषणा की। नेताओं ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में अपनाई गई “चुनने की नीति” के कारण कांग्रेस राज्य खो रही है।