रेलवे सेक्टर के लिए 2.40 लाख करोड़ का बजट आवंटित

 रेलवे सेक्टर के लिए 2.40 लाख करोड़ का बजट आवंटित
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नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 2023-24 के लिए लोकसभा में अपना पांचवा बजट (Budget 2023-2024) पेश किया। इस दौरान उन्होंने रेल बजट के लिए कई अहम घोषणाएं की। वित्त मंत्री ने रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ आवंटित किए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपए के पूंजीगत परिव्यय का प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेलवे में नई योजनाओं के लिए 75 हजार करोड़ की घोषणा की है। इससे पहले लोकसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अमृत काल में यह पहला बजट है। बता दें कि पिछले साल 2022-23 में रेलवे के कायापलट के लिए 1.4 लाख करोड़ का बजट आवंटित किया गया था।

2013 की तुलना में 9 गुना अधिक है रेलवे बजट की राशि
बतातें चलें कि इस बार के बजट में रेलवे सेक्टर के लिए अब तक की सबसे बड़ी राशि आवंटित की गई गई है। इससे पहले साल 2022-23 के लिए 1.4 लाख करोड़ आवंटित किए गए थे। निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि रेलवे के लिए यह बजट आवंटन 2013 की तुलना में नौ गुना अधिक है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने 2023-24 में पूंजीगत व्यय परिव्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है। सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि (यह समग्र परिव्यय) सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत होगा, जो 2019-20 में किए गए परिव्यय का लगभग तीन गुना है।

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मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट
बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट पेश किया है। ये मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है। इस साल का बजट बहुत मायने रखता है, क्योंकि देश में अप्रैल-मई 2024 में अगला लोकसभा चुनाव होना है।

सीतारमण का यह पांचवां बजट है
संसद का बजट सत्र मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था। जिसके बाद 2022-23 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया। अगले वित्तीय वर्ष (2023-24) के लिए वार्षिक बजट तैयार करने की औपचारिक कवायद 10 अक्टूबर से शुरू हुई थी। ये निर्मला सीतारमण का पांचवा बजट है। इससे पहले मंगलवार को संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि आने वाले वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 6 से 6.8 प्रतिशत की सीमा में बढ़ने की उम्मीद है। यह इस वित्त वर्ष में अनुमानित 7 प्रतिशत और 2021-22 में 8.7 प्रतिशत की तुलना में है।


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