157 नर्सिंग कॉलेज और टीचर्स ट्रेनिंग के लिए एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट खुलेंगे;एकलव्य स्कूलों में 38,800 नौकरियां

157 नर्सिंग कॉलेज और टीचर्स ट्रेनिंग के लिए एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट खुलेंगे;एकलव्य स्कूलों में 38,800 नौकरियां
ख़बर को शेयर करे

नई दिल्ली। उम्मीदें खूंटे से बंधी मवेशी जैसी होती है। चारा पूरा खाती है, लेकिन जरूरी नहीं दूध भी उतना ही देती जाए। स्टूडेंट्स की उम्मीदों के साथ बजट में कुछ ऐसा ही हुआ है। बजट की सात प्राथमिकताओं को सप्त ऋषि बजट कहा गया, इसमें एजुकेशन पर फोकस नहीं है, हालांकि यूथ पावर जरूर शामिल है।

देखिये बजट में आपके लिए कुल जमा 12 बातें कही गई हैं…
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 की शुरुआत होगी।
47 लाख युवाओं को राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत 3 साल तक भत्ता दिया जाएगा।
युवाओं को ग्लोबल लेवल की ट्रेनिंग देने के लिए 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर बनाए जाएंगे।
इनोवेशन और रिसर्च के लिए नई नेशनल डाटाबेस गर्वनेंस पॉलिसी बनेगी। जिसका लाभ स्टार्टअप्स और एजुकेशन में मिलेगा।
इंजीनियरिंग संस्थानों में 5जी सेवाओं पर आधारित 100 लाइब्रेरी बनेंगी।
2014 से मौजूद 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
फार्मा सेक्टर में रिसर्च और इनोवेशन प्रोग्राम शुरू होंगे।
टीचर्स की ट्रेनिंग के लिए एक्सीलेंस इंस्टीट्यूट खोले जाएंगे।
बच्चों और स्टूडेंट्स के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी बनेगी।
3.5 लाख ट्राइबल स्टूडेंट्स के लिए 740 एकलव्य मॉडल रेसिडेंशियल स्कूल्स में 38,800 टीचर्स और सपोर्टिंग स्टाफ की नियुक्ति होगी।
2023-24 में सरकार आदिवासियों के लिए विशेष स्कूल खोलेगी और इस पर 15 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी।
आर्थिक साक्षरता के लिए NGO के साथ काम करेंगे।
सुपर 30 वाले आनंद कुमार से जानिए इसका मतलब…

शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए टीचर्स की ट्रेनिंग जरूरी है, ऐसे में टीचर्स की ट्रेनिंग के लिए एक्सीलेंट इंस्टीट्यूट आधुनिक शिक्षा के लिए बहुत जरूरी हैं।

इसे भी पढ़े   हर नागरिक के लिए जरूरी है 'अग्निवीर' वाली ट्रेनिंग,पूर्व प्रधानमंत्री ने भी बंदूक उठाकर संभाला मोर्चा

एकलव्य स्कूलों में वनवासी और दूरदराज के बच्चे पढ़ते हैं। एकलव्य स्कूलों में टीचर्स की भर्ती होने से समाज के आखिरी वर्ग तक अच्छी एजुकेशन पहुंचेगी।

राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना के 47 लाख युवाओं को आर्थिक लाभ मिलेगा। हमारा देश युवाओं का देश है, ऐसे में युवाओं के लिए ये योजना लाना बहुत जरूरी था।

नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी से अब गांव-गांव तक बच्चों के मोबाइल में अब विदेशी जर्नल्स और बुक्स होंगी।
इंजीनियरिंग संस्थानों में 5जी सेवाओं पर आधारित 100 लैबोरेट्री से रिसर्च और डेवलपमेंट पर काम बढ़ेगा। मेधावी बच्चों को मैथमेटिक्स ओलंपियाड के लिए कैसे तैयार किया जाए, बजट में इसकी व्यवस्था भी होनी चाहिए थी, क्योंकि रिसर्च के लिए मैथमैटिक्स भी जरूरी है।
बजट पर आनंद कुमार का पूरा रिव्यू जानने के लिए इस खबर के कवर इमेज पर क्लिक करें।

रोजगार के अवसर पर असर समझना मुश्किल
इस बजट से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे या घटेंगे, कहना मुश्किल है। हालांकि, भास्कर ने इस मामले के एक्सपर्ट अवध ओझा से बात की है। सीधे शब्दों में कहें तो उनका कहना है कि देश का यूथ फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण से जॉब्स को बूस्टर डोज देने की उम्मीद कर रहा था, ताकि फ्यूचर ब्राइट हो जाए। उनका भी और देश का भी। लेकिन पिछली बार की तरह फाइनेंस मिनिस्टर ने पूरे बजट में रोजगार या जॉब्स शब्द का इस्तेमाल ही महज 4 बार किया। पूरी बात यहां LINK क्लिक करके समझ सकते हैं।

इलेक्ट्रिक व्हीकल, मोबाइल फोन सस्ते; सिगरेट, चांदी और किचन चिमनी महंगी
आने वाले दिनों में मोबाइल फोन खरीदना सस्ता हो सकता है, वहीं चांदी खरीदना महंगा। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने मोबाइल फोन के कुछ पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी है और चांदी पर ड्यूटी में इजाफा किया है। ऐसे में आम आदमी की जेब पर किन चीजों का बोझ बढ़ने जा रहा है और किससे उसे राहत मिलेगी। क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा… ये जानने के लिए इस LINK पर जाएं।

इसे भी पढ़े   किश्तवाड़ में सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश, इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान हुआ हादसा; तीन घायल

अब पिछला हिसाब
पिछले बजट में शिक्षा और रोजगार से जुड़ी 6 बड़ी घोषणाएं और उनका हाल
घोषणा 1- ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अंतर्गत 16 लाख नौकरियां दी जाएंगी।
जो हुआ: पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री समेत 50 केंद्रीय मंत्रियों ने अलग-अलग लोकेशन पर 75 हजार युवाओं को अपॉइंटमेंट लेटर सौंपे। जबकि रक्षा मंत्रालय में 2.5 लाख, रेलवे में 2.91 लाख और गृह मंत्रालय में 1.21 लाख पद खाली हैं।

घोषणा 2- ‘मेक इन इंडिया’ के तहत 5 साल में 60 लाख नौकरियां आएंगी।
जो हुआ: भारत सरकार के प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, यानी PIB की 9 सितंबर 2022 की प्रेस रिलीज के मुताबिक, PLI स्कीम से 28,636 रोजगार जनरेट हुए। पांच साल में 60 लाख नौकरियों के हिसाब से एक साल में 12 लाख जॉब जनरेट होने चाहिए थे, लेकिन हुए सिर्फ 28,636।

घोषणा 3- पहली से लेकर 12वीं तक क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई की सुविधा होगी।
जो हुआ: सरकार की ओर से अब तक कोई अपडेट नहीं है।

घोषणा 4- व्यवसायिक शिक्षा के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी बनेगी।
जो हुआ: डिजिटल यूनिवर्सिटी शुरू नहीं हो पाई है। दावा है कि नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी 2023-24 सेशन से शुरू हो जाएगी। इसका कंटेंट ‘स्‍टडी वेब्‍स ऑफ एक्टिव-लर्निंग फॉर यंग एस्‍पायरिंग माइंड्स’, यानी SWAYAM प्‍लेटफॉर्म पर होस्‍ट होगा। यूनिवर्सिटी को ‘हब एंड स्‍पोक’ मॉडल पर बनाया गया है। इसमें अलग-अलग सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटी के कोर्स उपलब्ध रहेंगे। यहां से स्टूडेंट्स को डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट मिल जाएगा।

घोषणा 5-पांच संस्थानों को ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’का दर्जा और 25 हजार करोड़ का फंड देंगे।
जो हुआ: किसी भी संस्थान को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’का दर्जा नहीं दिया गया है। हालांकि यूनिवर्सिटी लेवल पर सर्वे टीम बनाई गई है। रिपोर्ट आने के बाद नेशनल असेसमेंट एक्सेशन काउंसिल, यानी NAAC इसका वैल्यूएशन करेगा। उसके बाद कमेटी बनाई जाएगी, जो ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ का दर्जा देगी।

इसे भी पढ़े   राशन कार्ड में कैसे जोड़ सकते हैं नए सदस्य का नाम? आज ही समझ लें Online प्रोसेस

घोषणा 6- D2H प्लेटफॉर्म पर ‘प्रधानमंत्री ई-विद्या योजना’ के तहत ‘एक चैनल, एक क्लास’ योजना में चैनल 12 से बढ़कर 200 होंगे।
जो हुआ: साल बीत गए, अब भी 12 चैनल ही हैं।

एजुकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर में टॉप-5 इकोनॉमी वाले देशों में भारत आगे
भारत ने पिछले साल एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की थी। हम दुनिया की टॉप-5 इकोनॉमी वाले देशों में शामिल हुए। अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी के बाद पांचवें नंबर पर हम हैं। इन पांचों देशों में स्कूल-कॉलेजों की संख्या देखें तो आंकड़ों में भारत का एजुकेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी से अच्छा है। बस जरूरत है, व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की और स्कूलों को जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने की।


ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *