‘ऐसी भी क्या मजबूरी’,तुर्किए की मदद के लिए पाकिस्तान ने उठाए ऐसे कदम,आप रह जाएंगे हैरान

‘ऐसी भी क्या मजबूरी’,तुर्किए की मदद के लिए पाकिस्तान ने उठाए ऐसे कदम,आप रह जाएंगे हैरान
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नई दिल्ली। एक तरफ पाकिस्तान गरीबी,भुखमरी और कर्ज के भार झेल रहा है,दूसरी तरफ तुर्किए को लेकर उसके उठाए जा रहे कदम आश्चर्य करने वाले हैं। हाल ही में पाकिस्तान ने ऐलान किया कि वह तुर्किए को राहत फंड के रूप में 10 अरब पाकिस्तानी रुपिया की मदद करेगा। अब उसने इस मदद के लिए जो कदम उठाए हैं वो आपको हैरान कर देगा।

दरअसल पाकिस्तान सरकार ने किसी भी औपचारिक आदेश के बिना अपने अधिकारियों के सैलरी में कटौती की है। एशियाई लाइट की रिपोर्ट के अनुसार,सरकार के अधिकारियों के इस महीने वेतन में 50 प्रतिशत की कटौती की गई है। यह कटौती इस आधार पर की गई है कि उन्हें तुर्की राहत सहायता में योगदान करने के लिए भेजा जाएगा।

द एशिया लाइट ने बताया कि बलूचिस्तान में ग्रेड 19 से 21 के अधिकारियों ने एकतरफा वेतन कटौती का विरोध किया है। उनका कहना है कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में 33 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के कारण वे पहले से ही अपने परिवारों को खिलाने में समस्या का सामना कर रहे थे। यही वेतन उनकी आय का एकमात्र स्रोत था। बिना किसी सलाह के उन्हें उनकी जायज कमाई से वंचित नहीं किया जा सकता।

डेली इंतेखाब की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारियों ने पूछा है कि क्या अन्य ग्रेड और प्रांतों के अन्य अधिकारियों को भी योगदान देने के लिए कहा गया है,या ये फरमान केवल बलूचिस्तान के अधिकारियों के लिए था। वे इस सुझाव के साथ सरकार से अपील करने की योजना बना रहे हैं कि वे एक या दो दिन के वेतन का भुगतान कर सकते हैं,लेकिन सैलरी में 50 प्रतिशत की भारी कटौती नहीं करवा सकते हैं।

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पाकिस्तान ने तुर्किए को 10 अरब पाकिस्तानी रुपिया की मदद देने का ऐलान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने तुर्किए को राहत फंड के रूप में 10 अरब पाकिस्तानी रुपिया के मदद करने की घोषणा की है। इसके लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों से नेशनल रिलीफ फंड में पैसे इकट्ठा करने के लिए कहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा,”सभी मुख्यमंत्रियों से बात की और उनसे तुर्किए में भूकंप प्रभावित लोगों के लिए राष्ट्रीय राहत अभियान का स्वामित्व लेने का अनुरोध किया। यह सदी का सबसे भीषण भूकंप है। दो राज्यों में रहने वाले एक देश के रूप में,हम अपने तुर्की भाइयों और बहनों के साथ खड़े रहेंगे।”


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