भाई के एनकाउंटर की आशंका’, अतीक के परिवार काे डर, माफिया के काफिले संग चल रहीं बहन आयशा नूर

भाई के एनकाउंटर की आशंका’, अतीक के परिवार काे डर, माफिया के काफिले संग चल रहीं बहन आयशा नूर
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लखनऊ । बाहुबली नेता अतीक अहमद को यूपी के प्रयागराज लाया जा रहा है। आजतक से बातचीत के हवाले से मिली खबर में अतीक की बहन आयशा नूर ने बताया है कि गुजरात से ही वे उनके पीछे चल रही हैं। कहना है कि अतीक अहमद की तबीयत सही नहीं रहती है और वे सड़क के रास्ते यूपी लाने लायक नहीं है। उन्होंने कहा, उनके भाई का एनकाउंटर भी हो सकता है, इस कारण वे उनके काफिले के पीछे चल रही हैं। उनके दूसरे भाई अशरफ अहमद को बरेली जेल से लाया जा रहा है, पुलिस द्वारा उनका भी एनकाउंटर किया जा सकता है।

प्रयागराज कोर्ट में होनी है पेशी
उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद की 28 मार्च को प्रयागराज कोर्ट में पेशी होनी है। वहीं अतीक के परिवार को एनकाउंटर का डर सता रहा है। यही वजह है कि अतीक अहमद की बहन साये की तरह गुजरात से यूपी पुलिस के काफिले के पीछे चल रही हैं। अतीक अहमद के वकील विजय मिज्ञा ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें प्रयागराज कोर्ट ले जाया गया है। कल उनका फैसला है, जिसके लिए उन्हें प्रयागराज ले जाया जा रहा है। अदालत जो भी फैसला देगी हम उसे स्वीकार करेंगे। इंसाफ नहीं मिला तो हम हाईकोर्ट जाएंगे।

एनआइ से अतीक की बहन ने कहा कि हम हर फैसला मानने को तैयार हैं। हम उनकी (अतीक अहमद) सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। हम राजस्थान से उनका पीछा कर रहे हैं, आयशा नूरी, अतीक अहमद की बहन।

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काफिले में छह गाड़ियां शामिल
अतीक को जिस काफिले में लाया जाएगा, उसमें 6 गाड़ियां हैं। इनमें 2 वज्र वाहन भी हैं। सड़क मार्ग से लाते वक्त अतीक अहमद को वज्र वाहन के अंदर ही रखा गया। अतीक अहमद को गुजरात से राजस्थान की सीमा में लाया। यहां से उदयपुर, कोटा होते हुए शिवपुरी पहुंचा और यहां से काफिला यूपी की सीमा में दाखिल हुआ। शाम तक अतीक अहमद को लाने वाला काफिला प्रयागराज पहुंचेगा। सूत्रों का कहना है कि अतीक अहमद को लाने वाले काफिले में शामिल पुलिसकर्मियों के पास मोबाइल फोन नहीं है। सिर्फ पांच पुलिस अफसरों के पास ही मोबाइल हैं।

उमेश पाल के अपहरण के बाद हुई एफआइआर में फैसला आना
28 मार्च को कोर्ट का जो फैसला आना है, वह उमेश पाल की हत्या का केस नहीं है। बल्कि, उस दिन फरवरी 2006 में उमेश पाल के अपहरण के बाद हुई एफआइआर में फैसला आना है। अपहरण के इस मामले को लेकर 2007 में उमेश ने अतीक और उसके साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था।


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