वाराणसी में 32 देशों के 80 कृषि वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन पर करेंगे मंथन, 17 से 19 तक आयोजन
वाराणसी | वाराणसी में जी-20 सम्मेलन की पहली बैठक में कृषि पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव सहित कृषि उत्पादों के उत्पादन बढ़ाने को लेकर 32 देशों के 80 कृषि वैज्ञानिक मंथन करेंगे। इसमें भारत के भी करीब 80 कृषि वैज्ञानिक अपने विचार रखेंगे।
कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने के लिए गुरुवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) नई दिल्ली से उप महानिदेशक (बागवानी) डॉ. आनंद कुमार सिंह बनारस पहुंचे। डॉ. आनंद की अध्यक्षता में सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर, हस्तकला संकुल बड़ालालपुर और ताज होटल में होने वाले जी-20 के तहत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए बैठक हुई।
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. तुषार कांति बेहेरा ने बताया 17 से 19 अप्रैल तक सम्मेलन की पहली बैठक कृषि पर आधारित होगी। हाल ही में बेमौसम बारिश ने जिस तरह से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया, ऐसे में इसके बचाव की तकनीक के विकास को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा।
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बेहेरा ने बताया कि जी-20 में वैसे तो 20 सदस्य देश ही शामिल होंगे, लेकिन कृषि शोध संस्थानों के कई केंद्र गैर सदस्य देशों में हैं, ऐसे में कृषि आधारित बैठकों में 32 देशों के 80 कृषि वैज्ञानिक इस सम्मेलन में शामिल होंगे
30 यूनिपोल करेंगे जी-20 के मेहमानों का स्वागत
बाबतपुर एयरपोर्ट से लेकर नमोघाट तक 30 यूनिपोल खास अंदाज में जी-20 के मेहमानों का स्वागत करेंगे। जी-20 के तहत काशी में छह बैठकें होंगी। इसमें विश्व के 20 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। 17 से 19 अप्रैल तक तीन दिवसीय एग्रीकल्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक होगी। वाराणसी स्मार्ट सिटी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी वासुदेवन ने बताया कि बाहर से आने वाले मेहमानों के प्रस्तावित मार्गों को बेहतर किया जा रहा है। इसमें, लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, शिवपुर मार्ग, चौकाघाट से पड़ाव, नमोघाट समेत अन्य जगहों पर 30 डबल साइड बैकलिट एलईडी यूनिपोल लगाए जा रहे हैं।
ये यूनिपोल मेहमानों का खास अंदाज में स्वागत करेंगे। वाराणसी को अपनी ब्रांडिंग का एक बेहतर अवसर मिला है। नई काशी को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। यूपी के चार शहर जहां जी-20 की बैठकों का आयोजन हो रहा है। इसमें वाराणसी में बैठकों की संख्या सर्वाधिक है। अप्रैल के बाद जून माह में जी-20 की यूथ ट्वेंटी समिट का आयोजन होगा। वहीं अगस्त माह में चार अलग-अलग समूह की बैठक काशी में होगी।
पर्यटक स्थलों पर लगेंगे बार कोड युक्त साइनेज
काशी के प्रमुख मंदिरों और पर्यटन स्थलों के समीप बार कोड युक्त साइनेज लगाए जा रहे हैं। उपनिदेशक पर्यटन आरके रावत के मुताबिक बार कोड की मदद से पर्यटक काशी के धरोहरों की प्राचीनता उसकी ऐतिहासिकता की जानकारी ले सकेंगे। बार कोड स्कैन करने पर पर्यटकों को हिंदी और अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में जानकारी उपलब्ध होगी।
मेहमानों को काशी दर्शन कराने की तैयारी
काशी में आने वाले मेहमानों को पर्यटन विभाग काशी दर्शन कराएगा। उन्हें गंगा आरती के अलावा सारनाथ और काशी विश्वनाथ धाम का भ्रमण कराया जाएगा। जिले में पर्यटक बूथ को सजाने के अलावा आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। पर्यटकों को जानकारी देने के लिए यहां अधिकारियों की तैनाती की जाएगी।