कर्नाटक में क्यों छिड़ा है अमूल vs नंदिनी विवाद?
दिल्ली | कर्नाटक में विधानसभा चुनाव है, इसी बीच अमूल और नंदिनी ब्रांड के बीच जंग छिड़ी हुई है। हाल ही में अमूल ने कर्नाटक में दूध और दही बेचने की घोषणा की। इसके बाद कांग्रेस ने इसे कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) के नंदिनी ब्रांड को “खत्म” करने के कदम के रूप में करार दिया। तो वहीं अब राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है।
क्या बोले सीएम बोम्मई?
बोम्मई ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि किसी को भी अमूल ब्रांड को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। हम ब्रांड नंदिनी को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए कदम उठाएंगे। नंदिनी देश में नंबर वन ब्रांड बनेगी। वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कहा कि बीजेपी सरकार ने राज्य के दुग्ध उत्पादकों को सब्सिडी दी है। साथ ही किसानों को प्रति लीटर दूध के लिए 5 रुपये सब्सिडी के तौर पर दिये हैं। एक तरीका है कि KMF की आय से किसानों को लाभ दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि नंदिनी ब्रांड कर्नाटक तक ही सीमित नहीं है। नंदिनी दूध तिरुपति, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बेचा जाता है। उन्होंने आगे कहा कि अन्य ब्रांड लंबे समय से राज्य में बेचे जा रहे हैं। क्या अमूल बीजेपी का ब्रांड है और नंदिनी कांग्रेस का ब्रांड है? कांग्रेस ने अमूल दूध और अन्य उत्पादों की बिक्री के खिलाफ राज्य में एक अभियान शुरू किया है।
सिद्धारमैया ने बीजेपी सरकार पर लगाए आरोप
इससे पहले कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, “विलय के नाम पर हमारे लोगों द्वारा बनाए गए बैंकों को “निगलने” के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अब नंदिनी ब्रांड को बंद करने के लिए तैयार हैं। जो कर्नाटक के किसानों की जीवन रेखा है।” राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने कहा कि राज्य पर अमूल ब्रांड “थोपा” जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया था कि इसके पीछे का उद्देश्य गुजरात की प्रगति और कर्नाटक ब्रांड को “खत्म” करना है।
कर्नाटक में क्या है अमूल विवाद?
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने जनवरी में राज्य के मांड्या जिले में कुल 260 करोड़ रुपए की लागत में बनी एक डेयरी का उद्घाटन किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि अगर अमूल और नंदिनी ब्रांड साथ मिलकर काम करेंगे तो आने वाले तीन सालों में हर गांव में प्राइमरी डेयरी होंगी। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा था कि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को अमूल पूरी तरह से सहयोग करेगा, इससे किसानों को भी काफी फायदा होगा। अमित शाह के इस बयान के बाद से सोशल मीडिया और राज्य के राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई थी। ट्विटर पर #SaveNandini और #BanAmul जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। अब चुनाव से पहले ये मुद्दा गर्माया हुआ है। बता दें कि राज्य में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने हैं।