कतर की हिरासत में भारतीय नौसेना के 8 अधिकारियों को मिल सकती है मौत की सजा
नई दिल्ली। जासूसी के आरोप में आठ महीनों से कतर में हिरासत में रखे गए भारतीय नौसेना के आठ अधिकारियों को मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है। पाकिस्तान मीडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अधिकारियों पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आरोपियों की पहचान भारत की खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के लिए काम करने वाले के रूप में की गई है और कथित तौर पर कतर में जासूसी गतिविधियों को अंजाम देते हुए पकड़े गए थे।
और क्या कहती है पाक मीडिया की रिपोर्ट
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून का कहना है कि गिरफ्तार अधिकारियों ने कथित तौर पर इटली से उन्नत पनडुब्बियों को खरीदने के लिए कतर के गुप्त कार्यक्रम का विवरण प्रदान किया। रिपोर्ट के मुताबिक,एक निजी रक्षा कंपनी के सीईओ और कतर के अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभियानों के प्रमुख को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है। भारतीय नौसेना के सभी आठ अधिकारी भी इसी कंपनी में कार्यरत थे। अखबार ने दावा किया कि 3 मई को होने वाली अदालत की सुनवाई में अभियुक्तों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कतर के अधिकारियों ने कहा कि उनके पास आरोपों के समर्थन में तकनीकी साक्ष्य हैं।
अधिकारियों के परिजनों को दी गई मिलने की अनुमति
इस बीच एक भारतीय मीडिया रिपोर्ट मुताबिक अगस्त 2022 से दोहा में बंदी बनाए गए आठ भारतीय नौसेना के पूर्व सैनिकों के परिवार के सदस्यों को उनसे मिलने की अनुमति दी गई है। इस यात्रा को दाहरा कंसल्टेंसीज़ कंपनी द्वारा सुगम बनाया गया है जिसके लिए वे काम कर रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक सूत्रे ने कहा, ‘इसे दाहारा द्वारा एक सद्भावना संकेत के रूप में देखा जा रहा है कंपनी ने हवाई यात्रा और आवास की व्यवस्था की है और यह सुनिश्चित किया है कि यात्रा निर्बाध हो। दाहरा ने पहले ही अधिकारियों को एक सेवरेंस पैकेज की पेशकश की है और 31 मई में दोहा में सभी परिचालन बंद कर देगी।’