वाराणसी स्मार्ट सिटी, फिर भी प्रदूषित जल की सप्लाई
वाराणसी(जनवार्ता)। वाराणसी स्मार्ट सिटी है। यहां प्रति दिन अति विशिष्ट लोगों का आवागमन होता रहता है। विकास के नाम पर करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया जा रहे हैं। स्वच्छता में काशी पूरे प्रदेश में दूसरे स्थान पर थी। विश्व मानचित्र पर शहर का नाम प्रकाशमान हो रहा है।जनता को कोई समस्या ना हो प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होने के नाते मुख्यमंत्री व स्थानीय जनप्रतिनिधि यह जतन करने में लगे रहते हैं,परंतु लापरवाह नौकरशाही के कारण नागरिकों की समस्याएं कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। नागरिकों को मूलभूत समस्याएं रोटी, कपड़ा और मकान के साथ-साथ स्वच्छ जल चाहिये, लेकिन जलकल विभाग की लापरवाही की वजह से आए दिन सरकारी ट्यूबवेलों से घरों में होने वाली सप्लाई का पानी प्रदूषित पाया जाता है। लगभग प्रतिदिन इसकी शिकायत विभाग से की जाती है लेकिन समस्याएं दूर नहीं होती हैं।
नगर के पॉश इलाके सिगरा के गांधीनगर कॉलोनी में कस्तूरबा नगर ट्यूबवेल से सप्लाई होती है। कई दिनों से गांधीनगर में सरकारी विकास कार्य के लिए खुदाई का काम चल रहा है,जिसके कारण पेयजल की पाइप क्षतिग्रस्त हो गई है।ट्यूबवेल चंद कदमों पर है।
जलकल विभाग को इस पर निगरानी रखना चाहिए था, लेकिन स्थानीय लोगों की शिकायत के बावजूद पाइपलाइन की मरम्मत का कार्य समुचित तरीके से नहीं हुआ जिसके कारण नागरिक प्रदूषण व मिट्टी युक्त जल पीने को विवश हैं। भीषण गर्मी के मौसम में जहां एक और पानी के लिए लोग परेशान हैं। वहीं प्रदूषित जल पीकर लोगों को बीमारियां भी फैल रही हैं।अब आम नागरिकों को हो रही परेशानी का जिम्मेदार कौन है।यह तय करना चाहिए तथा उसके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिये।