पाकिस्तान का होने जा रहा है शटर डाउन? काला दिन साबित हो सकती है 1 जुलाई

पाकिस्तान का होने जा रहा है शटर डाउन? काला दिन साबित हो सकती है 1 जुलाई
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नई दिल्ली। बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में कंगाली का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि इस महीने के आखिरी तक पाकिस्तान डिफॉल्टर हो जाएगा। ऐसे में बर्बादी से बचाने के लिए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की अगुवाई वाली सरकार अलग-अलग तरीके अख्तियार कर रही है, लेकिन जनता हर बार की तरह उनकी सुनने को तैयार नहीं है। कुल मिलाकर पाकिस्तान का शटरडाउन हो सकता है।

1 जुलाई 2023 की तारीख पाकिस्तान के इतिहास का सबसे काला दिन साबित हो सकती है। ये तारीख पाकिस्तान के नक्शे पर कंगाली की मुहर लगा सकती है। ये तारीख बर्बाद मुल्क के लिए डिफॉल्टर का पैगाम ला सकती है। ऐसा इसलिए कि पाकिस्तान को इस महीने में 6 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना है, जबकि शाहबाज के मुल्क के पास 4 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। यानि शाहबाज देश का खजाना खाली कर दें तो भी 2 अरब डॉलर कम पड़ जाएंगे।

IMF से पाकिस्तान को उम्मीद
पाकिस्तान इस संकट से निपटने के लिए आईएमएफ की तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है और किश्त का इंतजार कर रहा है। आईएमएफ से पाकिस्तान को 1.1 अरब डॉलर की किश्त मिलने वाली है। शाहबाज की परेशानी ये है कि आईएमएफ से कर्ज मिले बिना दुनिया के दूसरे देश उसे नया कर्ज नहीं देंगे और आईएमएफ से कर्ज मिलता दिख नहीं रहा है। कुल मिलाकर कहें तो पाकिस्तान बुरी तरह फंस गया है। एक ओर लोगों के पास खाने के लिए रोटी नहीं है, तो दूसरी ओर कर्ज ना चुकाने पर डिफॉल्टर का ठप्पा अलग से लग जाएगा।

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खर्च बचाने के लिए बिजली कटौती का प्लान
पाकिस्तान में हालात इतने बुरे हैं कि सरकार के पास ईंधन खरीदने के लिए डॉलर नहीं बचे हैं। भीषण गर्मी के चलते बिजली की खपत बढ़ चुकी है। ग्रामीण इलाकों में घंटों लाइट नहीं आ रही है और सरकार शहरी इलाकों के लिए बिजली कटौती का प्लान लेकर आने वाली। बताया जा रहा है कि शाहबाज की सरकार ने रात 8 बजे बाद बाजार बंद करने का फैसला लिया है। ये फैसला 1 जुलाई से लागू हो जाएगा। पाकिस्तान के सभी प्रांतों ने इस फैसले पर सहमति जता दी है। एक अनुमान है कि इससे सरकार सालाना 1 अरब डॉलर बचाने जा रही है।

सरकार का फरमान मानने को तैयार नहीं आवाम
उधर, मीडिया रिपोर्ट्स ये दावा किया जा रहा है कि सरकार के फरमान को व्यापारियों ने मानने से इनकार कर दिया है। तमाम कारोबारी इसके विरोध में उतर आए हैं। व्यापारियों का कहना है कि भीषण गर्मी के चलते दिन में लोग खरीदारी के लिए नहीं आते। रात 8 से 11 बजे तक बाजारों में पीक टाइम रहता है और इस दौरान ही उनकी ज्यादातर बिक्री होती है।

बताते चलें कि पिछले साल भी शाहबाज सरकार ने रात के वक्त बाजार बंद करने का फैसला लिया था। उस वक्त भी व्यापारी फैसले के खिलाफ खड़े हो गए थे और विरोध के चलते प्रधानमंत्री शाहबाज को झुकना पड़ा और अपना फैसला वापस लेना पड़ा था।


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