बहुत ही क्रांतिकारी!आखिरकार कैंसर की दवा वैज्ञानिकों ने खोज ली,9 साल की बच्ची से मिली मदद

बहुत ही क्रांतिकारी!आखिरकार कैंसर की दवा वैज्ञानिकों ने खोज ली,9 साल की बच्ची से मिली मदद
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नई दिल्ली। कैंसर दुनिया के सबसे खतरनाक और जानलेवा रोगों में से एक है। इसके स्थाई इलाज के लिए वैज्ञानिक लंबे समय से रिसर्च कर रहे हैं। इसी बीच कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी अपडेट सामने आया है। वैज्ञानिकों ने कैंसर इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली एक ऐसी दवा का सफल ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है जिसके बारे में दावा है कि वो कैंसर ट्यूमर को जड़ से खत्म कर देगी। कैंसर खत्म करने वाली इस नई दवा AOH1996 का नाम नौ साल की एक बच्ची पर रखा जाएगा। आना ओलिविया हीली नाम की इस बच्ची की नौ साल की उम्र में मौत हो गई थी। लेकिन इस दवा में उसका बड़ा योगदान है।

20 सालों की लंबी रिसर्च के बाद
अमेरिका के लॉस एंजिल्स में स्थित सिटी ऑफ होप हॉस्पिटल द्वारा 20 सालों की लंबी रिसर्च के बाद इस दवा को विकसित किया गया है। यह केंद्र अमेरिका के सबसे बड़े कैंसर केंद्रों में से एक है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस क्रांतिकारी दवा का नाम 1996 में पैदा हुई आना ओलिविया हीली से प्रेरित है। उस बच्ची को न्यूरोब्लास्टोमा नाम का कैंसर था। इसी कैंसर के चलते 2005 में आना की मौत हो गई थी तब वह 9 साल की थी। न्यूरोब्लास्टोमा बच्चों को होने वाला एक कैंसर होता है। इस बच्ची की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई हैं।

70 तरह के कैंसर पर ट्रायल
असल में लगातार और सघन ट्रायल में इस दवा के अच्छे परिणाम आने के बाद कैंसर मरीजों के लिए यह दवा एक बड़ी उम्मीद बनकर उभरी है। दावा है कई इस दवा का लैब में 70 तरह के कैंसर पर ट्रायल किया गया है,जिसमें ब्रेस्ट कैंसर, ब्रेन कैंसर, यूट्रस कैंसर, स्किन कैंसर और लंग्स कैंसर शामिल हैं। इसने सकारात्मक असर दिखाया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस ड्रग को 20 साल की रिसर्च के बाद बनाया गया है और कैंसर सेल्स में पाए जाने वाले प्रोटीन- प्रोलिफेरेटिंग सेल न्यूक्लियर एंटीजन को यह दवा सीधे टारगेट करती है।

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कैंसर प्रोटीन को खत्म करने में मदद
जिस केंद्र में यह दवा बानी है उस टीम की प्रोफेसर लिंडा मलकास ने बताया कि दवा कैंसर प्रोटीन को खत्म करने में मदद करती है। इससे ट्यूमर जल्द डेवलप नहीं हो पाता है,अगर ट्यूमर डेवलप हो भी जाता है तो ये दवा उसे खत्म करने में कारगर साबित हुई है। मलकास ने कहा कि फिलहाल AOH1996 दवा अभी सिटी ऑफ होप में फेज वन के क्लिनिकल ट्रायल में है। पिछले टेस्ट में AOH1996 ने सफलता हासिल की थी।


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