मुश्किलों में घिरा सुपरपॉवर:फिर शटडाउन की कगार पर अमेरिका,जानिए इकोनॉमी पर कैसे पड़ेगा असर?

मुश्किलों में घिरा सुपरपॉवर:फिर शटडाउन की कगार पर अमेरिका,जानिए इकोनॉमी पर कैसे पड़ेगा असर?
ख़बर को शेयर करे

नई दिल्ली। दुनिया का सबसे ताकतवर देश माने जाने वाले अमेरिका की हालत इन दिनों काफी खराब है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था संकट में है। देश में एक बार फिर मंदी की आशंका के बीच शटडाउन का खतरा मंडरा रहा है। अमेरिका अगर मंदी में फंसा तो पूरी दुनिया के लिए इससे मुश्किलें बढ़ सकती है।

संकटों से घिरा अमेरिका
क्या होगा अगर लागू हुआ शटडाउन तो?
इकोनॉमी पर भी पड़ेगा असर

30 सितंबर तक का समय
हालांकि इस शटडाउन से बचने के लिए अमेरिका के पास 30 सितंबर तक का समय है। 30 सितंबर की मध्यरात्रि तक डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन के बीच अल्पकालिक खर्च बिल पर सहमति नहीं बन पाती तो ऐसे में यूएस में शटडाउन की स्थिति बन सकती है।

बता दें कि अमेरिका में डेमोक्रेट बहुमत वाली सीनेट और रिपबल्किन कंट्रोल्ड प्रतिनिधि सभा के बीच बजट प्रस्तावों पर अब तक सहमति नहीं बन पाई है। अब कुछ ही दिनों का वक्त रह गया। अगर अमेरिका को शटडाउन से बचना है तो अमेरिकी सांसदों को किसी समझौते पर पहुंचना होगा। नहीं तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

जानिए क्या है शटडाउन और क्या पड़ेगा असर?
बता दें कि जब यूएस की सरकार,एजेंसियों और सरकारी कामकाज के लिए पर्याप्त फंडिंग पास करने में समर्थ नहीं होती है, तो ऐसे हालातों में सरकारी शटडाउन का ऐलान होता है। इस शटडाउन की वजह से कई सेवाएं बाधित हो जाएगी। सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिका के सरकारी कर्मचारियों को होगा। जब तक शटडाउन रहेगा, तब तक कर्मचारियों को वेतन चेक नहीं भेजा जाता।

इसे भी पढ़े   कैंब्रिज विवाद के बीच भारत वापस लौटे राहुल गांधी, स्मृति ईरानी बोलीं- देश से मांगें माफी

वैसे अमेरिका में शटडाउन कोई नई बात नहीं है। वहां कई बार शटडाउन लग चुका है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासनकाल में 35 दिन का लंबा शटडाउन रहा था।

मंदी का भी खतरा
गौरतलब है कि अगर अमेरिका में शटडाउन के हालात बनते है,तो इसका असर वहां की इकोनॉमी पर भी पड़ेगा। सरकार जो खर्च करती है और जो लेती है उसके बीच का अंतर यानी बजट घाटा बेतहासा रूप से बढ़ जाता है। इससे अमेरिका की इकोनॉमी को हर हफ्ते 6 अरब डॉलर का भारी भरकम नुकसान उठना पड़ सकता है। वहीं,उसकी जीडीपी में 0.1 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है।

अमेरिका पहले ही आर्थिक मोर्चे पर कई संकटों का सामना कर रहा है। अमेरिका में ऑटो कर्मचारियों की हड़ताल, महंगाई से जूझ रही अर्थव्यवस्था और गैस की तेजी से बढ़ती कीमतों की वजह से मंदी की आशंका बनी हुई है। वहीं अमेरिका का कर्ज 33 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गया। अमेरिका अगर मंदी की चपेट में आता है तो पूरी दुनिया का इस पर प्रभाव पड़ सकता है।


ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *