गणतंत्र दिवस परेड 2025: होवित्जर,जोरावर,दिव्यास्त्र,नाग,प‍िनाक… 26 जनवरी को DRDO की झांकी देखकर ही कांप उठेगा दुश्मन

गणतंत्र दिवस परेड 2025: होवित्जर,जोरावर,दिव्यास्त्र,नाग,प‍िनाक… 26 जनवरी को DRDO की झांकी देखकर ही कांप उठेगा दुश्मन
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नई दिल्ली। 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली परेड में भारत अपने धाकड़ हथियारों की नुमाइश करेगा। भारत की तीनों सेनाओं से इतर, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) की झांकी भी होगी। इस साल कर्तव्य पथ पर DRDO की झांकी देखकर ही दुश्मन कांप उठेगा! आखिर होवित्जर से लेकर लेजर आधारित हथियारों की प्रदर्शनी जो होगी। DRDO ने गणतंत्र दिवस 2025 की झांकी का थीम ‘रक्षा कवच’ रखा है। इस झांकी के जरिए दुनिया कौन-कौन से हथियार और वेपन सिस्टम का दम देखेगी, आइए आपको बताते हैं।

क्या है DRDO झांकी की थीम?
गणतंत्र दिवस पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) एक खास झांकी पेश करने जा रहा है। डीआरडीओ की झांकी का थीम ‘रक्षा कवच – बहु-क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ बहु-स्तरीय संरक्षण’ है।

DRDO की झांकी में क्या-क्या दिखेगा?
त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, 155 मिमी 52 कैल एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, ड्रोन का पता लगाना, रोकना और नष्ट करना जैसी तकनीक, सैटेलाइट-आधारित निगरानी प्रणाली, मध्यम शक्ति रडार – अरुध्रा, उन्नत हल्के वजन के टारपीडो, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली – धर्मशक्ति, लेजर-आधारित निर्देशित ऊर्जा हथियार, बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, स्वदेशी मानव रहित हवाई प्रणाली, सुरक्षा बलों के लिए वी/यूएचएफ मैनपैक सॉफ्टवेयर परिभाषित रेडियो, स्वदेशी सुरक्षित सैटेलाइट फोन और उग्रम असॉल्ट राइफल शामिल होंगे।

मिसाइलों से लेकर वेपन सिस्टम तक
परेड के दौरान विभिन्न सशस्त्र बलों की टुकड़ियों में डीआरडीओ द्वारा विकसित कई अन्य प्रणालियां- नाग मिसाइल सिस्टम, पिनाका, ब्रह्मोस, शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम 10 मीटर और आकाश हथियार प्रणाली प्रदर्शित की जाएंगी। डीआरडीओ मुख्य रूप से ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए कई अत्याधुनिक सैन्य प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों की प्रणाली परिभाषा, डिजाइन और विकास में लगा हुआ है।

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2024 की बड़ी उपलब्धियां गिनाएगा DRDO
डीआरडीओ की 2024 की प्रमुख उपलब्धियों को भी झांकी के पोस्टरों में प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें लंबी दूरी की हाइपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल, हल्के वजन की बुलेट प्रूफ जैकेट ‘अभेद’, दिव्यास्त्र- कई स्वतंत्र रूप से लक्षित पुनः प्रवेश वाहन, ‘जोरावर’ हल्का टैंक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक (श्येन) के साथ डोर्नियर का रडार के साथ मिड-लाइफ अपग्रेड सम्मिलित है।

‘मेक इन इंडिया’ पर जोर
गणतंत्र दिवस इस झांकी में डीआरडीओ अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के साथ भारत को सशक्त बनाने और रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने के अभियान को दर्शाएगा। इसके साथ ही डीआरडीओ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अपने कुछ अग्रणी नवाचारों का प्रदर्शन करेगा।

सटीकता, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए, डीआरडीओ सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल ‘प्रलय’ हथियार प्रणाली भी प्रदर्शित करेगा। इसे अत्याधुनिक तकनीकों के साथ डिजाइन और विकसित किया गया है, जो इसकी ताकत को और बढ़ा देता है।


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