हिटलर की सोने की घड़ी साढ़े आठ करोड़ में नीलाम,विरोध शुरू
नई दिल्ली। जर्मनी के तानाशाह रहे एडोल्फ हिटलर की बंद पड़ी सोने की घड़ी अब नीलाम हो चुकी है। इस नीलामी ने अब इतिहास से जुड़े लोगों के साथ अन्य देशों की नजर अपनी ओर खींच ली है,क्योंकि इस नीलामी के विरोध में अमेरिका सहित इजराइल के यहूदी नेताओं ने खुला पत्र लिखकर अपने विचार साझा किए हैं। वे इस नीलामी में शामिल नाजी वस्तुओं को हटाने की मांग कर रहे हैं। घड़ी की बात करें तो ह्यूबर कंपनी की बंद पड़ी हुई घड़ी नीलाम में गुमनाम शख्स ने खरीदी है। जिस पर एडोल्फ हिटलर का नाम शॉर्ट में एएच (AH) लिखा हुआ है।
हिटलर की बंद पड़ी सोने की घड़ी 1.1 मीलियन डॉलर यानी कि लगभग 08.71 करोड़ रुपये में नीलाम हुई है। अमेरिका के मैरीलैंड में एलेक्जेंडर हिस्टोरिकल में इस घड़ी को नीलाम किया गया है।. नीलामी में सार्वजनिक किये गए कैटलॉक के अनुसार यह घड़ी 1933 की बताई गई,जिसके मुताबिक जर्मनी का चांसलर बनने पर हिटलर को जन्मदिन पर यह घड़ी उपहार में दी गई थी. नीलामी करने वाले प्रबंधन का कहना है कि उनका उद्देश्य इतिहास को संरक्षित रखना था। घड़ी के साथ हिटलर से जुड़ी अन्य वस्तुओं को भी शामिल किये जाने की जानकारी दी गई। जिसमें उनकी हिटलर की पत्नी ईवा ब्राउन की ड्रेस,नाजी अधिकारियों की फोटो समेंत विभिन्न चीजें थीं।
यहूदियों की पहचान वाला बैंड बना हुआ है फसाद की जड़
नीलामी में एक पीला कपड़ा भी शामिल किया गया,जो हिटलर के समय यहूदियों की पहचान के लिए रहता था। यह पीला कपड़ा यहूदियों के हाथ में बंधा रहता था। इसलिए 34 यहूदी नेताओं ने इस नीलामी को गलत बताया है।
काफी अरसे पुराना है यहूदियों का दर्द
हिटलर की सोने की घड़ी के साथ अरसे पुराना इतिहास भी जुड़ा हुआ है।.एंड्रियाज ह्यूबर नाम की इस घड़ी में एएच के साथ स्वस्तिक भी बना हुआ है। वॉच प्रो के अनुसार 04 मई 1945 को लगभग 30 फ्रांसीसी समूह ने हिटलर के पर्वतीय स्थल पर धीवा बोलते हुए युद्ध किया था। युद्ध की यादों को संजोंने के लिए घड़ी को ले लिया गया। हिटलर नाजी जर्मनी का नेतृत्व करते थे। बताया जाता है कि उनके नेतृत्व में 60 लाख लोगों को मारा गया। मारने का मूल कारण इन लोगों का यहूदी होना था।