भारतीय तेजस फाइटर का दिवाना हुआ अमेरिका, जानें-क्या है इसकी बड़ी खूबियां
भारतीय लड़ाकू विमान तेजस Tejas Fighter Jet एक बार फिर सुर्खियों में है। अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपीन समेत छह देशों ने भारत के तेजस विमान में दिलचस्पी दिखाई है। वहीं मलेशिया ने अपने अधिग्रहण कार्यक्रम के तहत पहले ही इस विमान को खरीदने की योजना बनाई है। भारत ने मलेशिया को 18 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) “तेजस” Indigenous Tejas Fighter Jet बेचने की पेशकश की है। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस भी सिंगल इंजन वाले जेट में रुचि दिखा रहे हैं। आइए जानते हैं कि आखिर इस युद्धक विमान की कौन सी खूबियां अमरिका को भी अपनी ओर खींच रही है। इसकी क्या बड़ी खूबियां हैं। अपनी किन खूबियों के कारण यह मलेशिया की पहली पंसद बना। इसके साथ इसकी अन्य विमानों से तुलना भी जानेंगे।
तेजस विमान की खूबियां Tejas Fighter Jet Features
1- हाल में मलेशिया की पहली पसंद बनने के बाद स्वदेशी तेजस युद्धक जेट विमान सुर्खियों में था। एक बार फिर यह चर्चा में है। इस भारतीय विमान का मुकाबला चीन, रूस और दक्षिण कोरिया के विकसित विमानों से था, लेकिन अपनी बेहतरीन खूबियों के कारण यह सभी देशों के विमानों पर भारी पड़ा। इन देशों के विमानों से भारत का तेजस सर्वश्रेष्ठ साबित हुआ।
2- रक्षा विशेषज्ञ प्रो अभिषेक प्रताप सिंह का कहना है कि अगर तेजस विमान की तुलना सुखोई से की जाए तो यह उससे ज्यादा हल्के हैं। ये विमान आठ से नौ टन तक बोझ लेकर उड़ने में पूरी तरह से सक्षम हैं। ये विमान उतने ही हथियार और मिसाइल लेकर उड़ सकता है, जितना इससे ज्यादा वजन वाला सुखोई विमान। उन्होंने कहा कि इनकी सबसे बड़ी खूबी इसकी स्पीड है। हल्के होने के कारण इनकी गति बेमिसाल है। ये विमान 52 हजार फीट की ऊंचाई तक ध्वनि की गति यानी मैक 1.6 से लेकर 1.8 तक की तेजी से उड़ सकते हैं।
3- उन्होंने कहा कि तेजस भारत का पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान है। इसमें 60 फीसद से ज्यादा कलपुर्जे देश में ही निर्मित हैं। इसकी दो श्रेणियां हैं। इसमें मार्क-1ए और 10 तेजस मार्क-1ए (ट्रेनर) या प्रशिक्षण विमान हैं। एक तेजस मार्क-1ए लड़ाकू विमान की कीमत 550 करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान से अधिक है।
4- खास बात यह है कि सुखोई विमानों का उत्पादन भी एचएएल ही करती है। उनका कहना है कि तेजस मार्क-1ए, सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से इसलिए भी महंगा है, क्योंकि इसमें कई आधुनिक उपक्रम जोड़े गए हैं। मसलन इसमें इसरायल में विकसित रडार हैं। इसके अलावा इस विमान में स्वदेश में विकसित किया हुआ रडार भी है। यह विमान काफी हल्का है और इसकी मारक क्षमता भी बेहतर है। यह बहुआयामी लड़ाकू विमान है।
5- तेजस में नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसमें क्रिटिकल आपरेशन क्षमता के लिए एक्टिव इलेक्ट्रानिकली-स्कैन्ड रडार लगा है। यह हवा में ईंधन भर सकता है और जंग के लिए दोबारा तैयार हो सकता है। तेजस दूर से ही दुश्मन के विमानों पर निशाना साध सकता है। इतना ही नहीं यह दुश्मन के रडार को भी चकमा देने की क्षमता रखता है।
6- उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब भारतीय वायु सेना के बेड़े में लड़ाकू विमानों की कमी हो रही है, इस तेजस का स्वागत होना चाहिए। तेजस विमानों की इस परियोजना की नींव वर्ष 1983 में ही रखी गई थी। तेजस ने अपनी पहली उड़ान वर्ष 2001 के जनवरी में भरी थी। इस विमान को भारतीय वायु सेना के स्क्वाड्रन में 2016 में ही शामिल किया जा सका।
मलेशिया की पहली पसंद बने तेजस Tejas will join Malaysia AF
गौरतलब है कि भारत के स्वदेशी तेजस युद्धक जेट विमान मलेशिया की पहली पसंद बन गए हैं। इस दक्षिणपूर्वी एशियाई देश ने अपने पुराने युद्धक विमानों की जगह अत्याधुनिक तेजस विमानों की खरीद पर भारत से बातचीत शुरू कर दी है। हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आर.माधवन ने एक साक्षात्कार में बताया था कि भारतीय युद्धक विमान को चुनने से पहले मलेशिया ने चीन के जेएफ-17 जेट, दक्षिण कोरिया के एफए-50 और रूस के मिग-35 और याक-130 विमानों के विकल्पों पर भी विचार किया था। हालांकि, इन देशों के विमानों से इतर मलेशिया को अपनी वायुसेना के लिए भारत का तेजस सर्वश्रेष्ठ लगा। भारत ने मलेशिया को उसके रूसी मूल के विमानों एसयू-30 के लिए देखरेख, मरम्मत और जीर्णोद्धार की सुविधा बतौर पैकेज देने का भी प्रस्ताव किया है