CFI दफ्तर में मिले ‘नरसंहार’ के दस्तावेज,युवाओं का ब्रेनवॉश करने की कोशिश

CFI दफ्तर में मिले ‘नरसंहार’ के दस्तावेज,युवाओं का ब्रेनवॉश करने की कोशिश
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बेंगलुरू। बेंगलुरू में प्रतिबंधित कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) के ऑफिस में आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। CFI पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की स्टूडेंट विंग है जो स्कूल के अंदर मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनने के मामले में सरकार विरोधी प्रदर्शनों में सबसे आगे थी। सीएफआई (CFI) ने 15 पन्नों का एक दस्तावेज तैयार किया जिसे कथित तौर पर कई स्कूलों,कॉलेजों और रैलियों में बांटा गया। पुलिस ने जो दस्तावेज जब्त किए उनमें मुस्लिम समुदाय पर कथित अत्याचारों के बारे में लोगों को गुमराह किया गया है।

सूत्रों के अनुसार दस्तावेजों में यह दावा किया गया है कि केंद्र में बीजेपी सरकार आने के बाद मुसलमानों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है, इसका उद्देश्य ‘नरसंहार’ के बारे में जागरूकता फैलाना है। सूत्रों के मुताबिक सीएफआई (CFI) सरकार की भूमिका के बारे में झूठ का प्रचार करके युवाओं और छात्रों का ब्रेनवॉश करने की कोशिश कर रहा था। बेंगलुरु पुलिस ने प्रतिबंधित संगठन के बेंगलुरु कार्यालय को सीज कर दिया है और ‘नरसंहार पर दस्तावेज़’ लिखने वाले वालों की धर पकड़ शुरु कर दी है। इससे पहले सीएफआई ने प्रतिबंध के खिलाफ अदालत जाने की बात कही थी।

PFI और उसके सहयोगियों पर 5 साल का प्रतिबंध
गृह मंत्रालय ने 27 सितंबर को एक अधिसूचना जारी कर PFI और उसके सहयोगी संगठनों को UAPA के तहत 5 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। पीएफआई (PFI) के अलावा, इसके सहयोगी – रिहैब इंडिया फाउंडेशन, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन,नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन,केरल को “गैरकानूनी” घोषित किया गया है। हालांकि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI)पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया था।

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केंद्र के मुताबिक पीएफआई (PFI) और उसके सहयोगी गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त थे जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए घातक हैं। इसमें एक प्रोफेसर का गला काटना,अन्य धर्मों को मानने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्याएं, शक्तिशाली लोगों और स्थानों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटक प्राप्त करना और संपत्ति को नष्ट करना शामिल है। इसके अलावा, पीएफआई के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं पर बैंकिंग चैनलों, हवाला आदि के जरिए भारत और विदेशों से धन जुटाने और कई आपराधिक,गैरकानूनी और आतंकवादी गतिविधियों को करने के लिए उनका उपयोग करने का आरोप लगाया गया था।


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