बैंकों के बढ़ते npa को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा

बैंकों के बढ़ते npa को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा
ख़बर को शेयर करे

नई दिल्ली । कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि वर्तमान भाजपा सरकार में बैंकों का एनपीए बढ़ा है। बड़े-बड़े डिफाल्टरों का कर्ज बट्टे खाते में डाला गया है और सरकारी बैंकों की संपत्ति औने-पौने दामों में बेची जा रही है। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार से पूछा है कि आखिर वह बैंकों का पैसा लेकर भागने वालों को कब वापस लाएगी। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा और पीएम नरेन्द्र मोदी इन मुद्दों को सामने रखकर चुनाव नहीं लड़ते बल्कि भटकाने वाले विषयों को उठाया जाता है।

श्रीनेत ने कहा कि हर चुनाव प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत छवि पर लड़ा जा रहा है, लेकिन इसका जवाब तो देना ही होगा कि पिछले पांच साल में 10 लाख करोड़ से ऊपर के कर्ज को बट्टे खाते में क्यों डाला गया। इसमें से केवल 13 प्रतिशत की ही वसूली हो पाई। इस कर्ज माफी से 61 प्रतिशत राजकोषीय घाटे की भरपाई की जा सकती थी, लेकिन सरकार इस पर कभी चर्चा नहीं करेंगी, क्योंकि इसका लाभ केवल कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को दिया जाना है।

सुप्रिया ने कहा कि आम आदमी या किसान कर्ज का एक ईएमआइ भुगतान करने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ तमाम कार्रवाई शुरू हो जाती है, मगर लाखों करोड़ का कर्ज नहीं चुकाने वालों पर मेहरबानी की जा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि एनपीए 2008 से 2014 के बीच पांच लाख करोड़ रुपये की तुलना में मोदी सरकार के कार्यकाल (2014 से 2020) तक बढ़कर 18 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है।

इसे भी पढ़े   युवक की हत्या कर सड़क के किनारे फेंका शव

एनपीए में 365 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। श्रीनेत ने सवाल उठाते हुए कहा कि जिन उद्योगपतियों को इससे फायदा पहुंचा है उनका नाम सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा है और सरकारी बैंकों की बेशकीमती संपत्तियां कौडि़यों के दाम पर क्यों बेची जा रही हैं? सरकार को यह बताना चाहिए कि वह क्या इसकी निगरानी कराते हुए जांच कराएगी।


ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *