पाक को मिला नया सेना प्रमुख,जानिए कौन हैं कमर जावेद बाजवा की जगह लेने वाले?
नई दिल्ली। पाकिस्तान को नया सेना प्रमुख मिल गया है। जनरल कमर जावेद बाजवा के बाद पीएम शहबाज शरीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल सैयद असीम मुनीर को देश का नया सेना प्रमुख नियुक्त किया है। जनरल बाजवा 29 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं। बाजवा के बाद सबसे वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मुनीर का कार्यकाल 27 नवंबर को खत्म होने वाला था।
इस बीच,लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष के रूप में जनरल नदीम रजा की जगह लेंगे। शरीफ के फैसले का सारांश पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के पास मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।
कौन हैं आसिम मुनीर?
पाकिस्तान की फ्रंटियर फोर्स रेजिमेंट में शामिल लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर ने निवर्तमान सेना प्रमुख के तहत एक ब्रिगेडियर के रूप में फोर्स कमांड नॉर्दर्न एरियाज की कमान संभाली थी। उन्हें 2017 में सैन्य खुफिया महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया। फिर अक्टूबर 2018 में उन्हें देश की जासूसी एजेंसी ISI का प्रमुख बना दिया गया।
जब इमरान खान पीएम थे तो वह कुछ समय के लिए ISI DG भी रहे। आपको बता दें कि मुनीर को मार्च 2018 में पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान हिलाल-ए-इम्तियाज से भी सम्मानित किया जा चुका है।
बाजवा के कार्यकाल के दौरान लगे आरोप
पाकिस्तान की वर्तमान सरकार ने आरोप लगाया है कि ‘सेना के इशारे पर 2018 के आम चुनाव से पहले और मतगणना के दिन धांधली की गई थी’। मतगणना के दौरान विभिन्न दलों के पोलिंग एजेंटों को कथित तौर पर बाहर कर दिया गया जिससे इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने की वैधता पर संदेह पैदा हो गया। पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने विपक्षी दलों की एक बैठक में कहा था कि सेना एक “समानांतर सरकार” चला रही है जो लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार से ज्यादा ताकतवर है।
पीएमएल (एन) नेता ने कहा कि किसी भी पीएम को देश के इतिहास में 5 साल का कार्यकाल भी पूरा नहीं करने दिया गया। उन्होंने इसी चीज को पाकिस्तान की समस्याओं का मूल कारण बताया है जिसमें सेना सरकार को स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने देती। वही, अप्रैल में पीएम पद से हटाए जाने के बाद इमरान खान ने इसमें बाजवा और अन्य बड़े अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाया। फिर 3 नवंबर को जानलेवा हमले का शिकार होने के बाद खान ने सीधे तौर पर ISI के मेजर जनरल फैसल नसीर को दोषी ठहरा दिया।
इन सभी आरोपों पर कमर जावेद बाजवा ने प्रतिक्रिया दी है और कहा, “पाकिस्तान को एक लोकतांत्रिक संस्कृति अपनानी चाहिए। 2018 के चुनाव के बाद पार्टियों ने आरटीएस को बहाने के रूप में इस्तेमाल किया और जीतने वाली पार्टी को ‘चयनित’ कहा। फिर 2022 में विश्वास मत हारने के बाद एक पार्टी दूसरी पार्टियों को ‘इंपोर्टिड’ करार देती है। जीत और हार राजनीति का एक हिस्सा है। हर पार्टी में अपनी हार-जीत को स्वीकार करने की हिम्मत होनी चाहिए ताकि चुनाव में इंपोर्टिड या चयनित के बजाय ‘निर्वाचित’ सरकार हो।”