श्रीलंका में आधी रात प्रदर्शनकारियों पर एक्शन:सेना ने संसद के सामने तमाम टेंट उखाड़े
कोलंबो। श्रीलंकाई सेना ने गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात संसद भवन के सामने लगे सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के टेंट उखाड़ दिए। इस दौरान विरोध कर रहे कुछ प्रदर्शनकारी घायल भी हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,2 पत्रकारों समेत कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने गुरुवार को शपथ लेने के बाद सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसके चंद घंटे बाद ही सेना ने कार्रवाई की योजना बनाई और देर रात इसे अंजाम दिया।
श्रीलंका में कई संगठन नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और संभावित नई सरकार का विरोध कर रहे हैं। इन संगठनों में गाले फेस अहम है। इस संगठन ने गुरुवार को रानिल की शपथ के दौरान और बाद में उनके खिलाफ नारेबाजी की थी।
गाले फेस का कहना है कि नए राष्ट्रपति और नई सरकार से किसी तरह की उम्मीद रखना बेमानी है। नई सरकार किसी भी सूरत में मुल्क को मुश्किलों से नहीं उबार सकेगी। आम आदमी को अब तक सरकार से किसी तरह की राहत नहीं मिल सकी है।
रानिल का विरोध क्यों
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि रानिल विक्रमसिंघे वास्तव में राजपक्षे परिवार के ही आदमी हैं। वो वही कदम उठाएंगे जो राजपक्षे परिवार चाहेगा। इन प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को जारी बयान में कहा था- देश इस वक्त चुनाव का खर्च नहीं झेल सकता, लेकिन कुछ कदम तो उठाए जा सकते हैं। हम चाहते हैं कि नई सरकार में राजपक्षे के किसी समर्थक को जगह न दी जाए। जिस सरकार में विक्रमसिंघे शामिल होंगे, हम उसे कभी कबूल नहीं करेंगे। रानिल राजपक्षे परिवार को बचाते आए हैं और बचाते रहेंगे।
ह्यूमन राइट्स कमीशन नाराज
श्रीलंकाई सेना पर कई बार मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लग चुके हैं। गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात की कार्रवाई भी सवालों के घेरे में हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा- सेना गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात करीब डेढ़ बजे यहां पहुंची। यह वक्त बहुत सोच समझकर चुना गया, क्योंकि उस वक्त मीडिया कवरेज के लिए कोई नहीं था। प्रदर्शनकारी भी सो रहे थे।
ह्यूमन राइट्स कमीशन ने कहा- लोगों से वहशियाना बर्ताव किया गया। कई घायल हैं। दो जर्नलिस्ट्स लापता हैं।