ट्रंप की वापसी और दो दिन की तेजी के बाद शेयर बाजार फिर धड़ाम, अब क्यों टूट रहा मार्केट?
नई दिल्ली। अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जबरदस्त जीत मिलने के बाद बुधवार को शेयर बाजार में तेजी देखी गई। लेकिन इसके बाद गुरुवार को घरेलू शेयर मार्केट में गुरुवार को कारोबार में गिरावट दर्ज की गई। मार्केट एनालिस्ट ने बताया कि विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी और मिले-जुले संकेतों से निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा है। गुरुवार की सुबह बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में करीब 200 अंक चढ़कर 80,563 अंक पर खुला। लेकिन इसके बाद इसमें लगताार गिरावट देखी गई। इसी तरह एनएसई निफ्टी 24,489 अंक पर खुला लेकिन बाद में यह गिरकर 24,182 अंक तक आ गया।
शेयर में आई बड़ी गिरावट
दोपहर करीब एक बजे सेंसेक्स करीब 800 अंक गिरकर 79,580 अंक पर कारोबार करते देखा गया। इसी समय निफ्टी सूचकांक 24,216 अंक पर ट्रेंड कर रहा था। सेंसेक्स में लिस्टेड 30 कंपनियों में से टेक महिंद्रा, एशियन पेंट, टाटा मोटर्स, सन फॉर्मा, जेएसडब्ल्यू स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, पावर ग्रिड, टाटा स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज और बजाज फिनसर्व के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। टीसीएस, एसबीआई और एल एंड टी के शेयर में हल्की तेजी देखी जा रही है। सुबह के समय एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और जेएसडब्ल्यू स्टील के शेयर मुनाफे में रहे।
अमेरिकी मार्केट बुधवार को चढ़कर बंद हुए
एशियाई मार्केट में चीन का शंघाई कम्पोजिट, साउथ कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग फायदे में रहे, जबकि जापान का निक्की नुकसान में रहा। अमेरिकी मार्केट बुधवार को चढ़कर बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.92 प्रतिशत की बढ़त के साथ 75.61 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) बुधवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 4,445.59 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
क्यों आ रही गिरावट
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेटजिक वीके विजयकुमार ने कहा, ‘ट्रंप ट्रेड’ ने रातों-रात अमेरिकी बाजार को तेजी से उठाया है। भारत में इसी तरह का सकारात्मक प्रभाव होने की संभावना नहीं है। दरअसल, भारतीय बाजार का मूल्यांकन ज्यादा है और कमाई में मंदी का चलन है। निवेशकों को इस उत्साह और अनिश्चितता के दौरान क्वालिटी और प्राइस पर ध्यान देना चाहिए।’ पिछले कुछ समय से एफआईआई (FII) लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं और उनका फोकस मुनाफावसूली पर है।